लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में विपक्षी पार्टियों की चौतरफा घेरेबंदी को तोड़ने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी डैमेज कंट्रोल मूड में आ गए हैं. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने सुल्तानपुर के सांसद डॉ. संजय सिंह को राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर ली है.
2009 लोकसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद से ही कांग्रेस में संजय सिंह की उपेक्षा की चर्चाएं शुरू हो गई थीं. केंद्रीय मंत्रिमंडल के हर विस्तार के समय इन चर्चाओं को और बल मिला. पिछले कुछ महीने से उनके बीजेपी में जाने और अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की भी चर्चा रही है. इसके बावजूद कांग्रेस इन चर्चाओं को लेकर खुद को बेपरवाह साबित करने में लगी रही.
हालांकि, 12 जनवरी को 'आप' नेता कुमार विश्वास के राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के ऐलान और लगातार अमेठी में जमे रहने के बाद कांग्रेस के इस रुख में बदलाव दिखने लगा था. खासतौर पर अमेठी के चुनाव की कमान प्रियंका वाड्रा को देने के ऐलान के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि कांग्रेस संजय सिंह को पार्टी में बनाए रखने की कोशिश करेगी.
दरअसल, आमतौर पर अमेठी को लेकर निश्चिंत रहने वाली कांग्रेस कुमार विश्वास के आने के बाद डॉ. संजय सिंह की भी नाराजगी मोल लेने की स्थिति में नहीं थी. कांग्रेस की कोशिश डॉ. सिंह को राज्यसभा भेजकर जहां उनकी नाराजगी दूर करने की है, वहीं इसका मकसद राहुल गांधी का रास्ता निष्कंटक बनाना भी है.
डॉ. संजय सिंह का नाम राज्यसभा भेजे जाने वाले कांग्रेस नेताओं की सूची में शामिल है. अगर वह राज्यसभा में जाते हैं तो उनकी पत्नी अमिता सिंह सुल्तानपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हो सकती हैं. राज्यसभा भेजने के बाद डॉ. सिंह को प्रदेश संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है.