वाराणसी में गंगा का पानी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच चुका है. जिले में दो लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है. वाराणसी की शान कहे जाने वाले गंगा के घाट जलमग्न हो चुके हैं.
गंगा ने वाराणसी के घाटों पर कहर ढाया हुआ है. खतरे के निशान से गंगा का पानी चार बार ऊपर जा चुका है. जिला प्रशासन ने नाव चलाने पर पाबंदी लगा दी है. यहां पर घाट के किनारे बने हुये मंदिर, मकान, धर्मशाला सब डूब चुके हैं और घाट के किनारे का जनजीवन बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो चुका है.
यहां के स्थानी नागरिक सुरेन्द्र कुमार ने बताया, 'काफी दिक्कत हो रही है, आसपास के इलाके में लोग अपना घर छोड़कर चले गये हैं. घरो में पानी अंदर तक आ गया है. जमीन से 15 फीट ऊपर मकान भी आधा डूब गये हैं. हालांकि पिछले चौबीस घंटे में पानी घटने लगा है लेकिन उसके घटने की रफ्तार काफी धीमी है.
यहीं के एक स्थानीय दुकानदार जितेन्द्र यादव का कहना है कि पानी थोड़ा घटा हुआ है, पहले पानी हमारे पीछे तक था. हमारी दुकान गौदोलिया पर है और हमारी दुकानदारी पूरी तरह ठप्प हो चुकी है.