scorecardresearch
 

लव जिहाद पर लगाम लगाने वाले यूपी सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी, आज से लागू

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है. इसी के साथ ये अध्यादेश आज से लागू हो गया है. इसी के साथ यह नया कानून आज से यूपी में लागू हो गया है.

Advertisement
X
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो- पीटीआई)
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी
  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी मंजूरी
  • जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल तक की जेल

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है. इसी के साथ ये अध्यादेश आज से लागू हो गया है. इसके साथ ही यह नया कानून आज से यूपी में लागू हो गया है. 

Advertisement

बता दें कि पिछले मंगलवार यानी कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने लव जिहाद पर अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसके बाद इसे राज्यपाल के पास पारित करवाने के लिए भेजा गया था. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. अब 6 महीने के अंदर इस अध्यादेश को राज्य सरकार से विधानसभा से पास कराना पड़ेगा. 

UP Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance 2020 के मुताबिक, धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी. इसके अलावा सहमति से धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी. 

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे. ताकि लालच, दबाव, धमकी या झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सके.

Advertisement

यूपी सरकार के अध्यादेश के अनुसार जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी.

यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है. 24 नवंबर को उन्होंने कि कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तन के सामने आए थे. उन्होंने कहा था कि इसमें पाया गया था कि छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है.

अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को निर्धारित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है.

 

Advertisement
Advertisement