पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. जातीय हिंसा से धधक रहे सहारनपुर में शांति बहाल करने में अब तक प्रशासन विफल रहा है. यही वजह है कि योगी सरकार के लिए भी सहारनपुर एक बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है.
साजिश के एंगल की पड़ताल
आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अब उत्तर प्रदेश पुलिस इस पूरे मामले में एक सोची समझी साजिश के एंगल पर भी पड़ताल कर रही है. सूत्रों के मुताबिक भीम पार्टी के तीखे तेवर के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है.
पुलिस को शक है कि कुछ सियासी दल जानबूझकर एक साजिश के तहत भीम पार्टी को ना सिर्फ सैद्धांतिक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से भी सपोर्ट कर रहे हैं. ऐसे में इलाके के स्थानीय नेताओं पर भी प्रशासन की नजर है.
भीम आर्मी के अकाउंट में ट्रांसफर हुई बड़ी राशि
सूत्रों ने बताया कि हाल ही में भीम पार्टी के अकाउंट में 45 से 50 लाख की राशि ट्रांसफर हुई है. प्रशासन इस पैसे के प्राइमरी सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
सूत्रों की माने तो पिछले 4 हफ्तों से जिस सुनियोजित तरीके से हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, उसमें इलाके के शरारती तत्वों की संलिप्तता जाहिर है. प्रशासन उन शरारती तत्वों के बारे में भी पड़ताल कर रहा है, जिनको हिंसा फैलने से खासा फायदा होगा.
भड़काऊ पोस्ट करने वालों को जीरो-इन कर रहा प्रशासन
एक तरफ जहां पुलिस-प्रशासन सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नफरत भरी भड़काऊ सामग्री को पोस्ट करने वालों को ज़ीरो-इन कर रहा है. वहीं स्थानीय प्रशासन संगठनों को दिए गए ऑनलाइन फंडिंग की भी जांच कर रहा है.
गौरतलब है कि भीम पार्टी ने फेसबुक के जरिए भी फंड और डोनेशन इकट्ठा करने की कोशिश तेज कर दी है. इसी के मद्देनजर इलाके में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दूसरी तरफ प्रशासन स्थानीय सियासी दलों से बातचीत कर शांति बनाए रखने की कवायद में जुटा है.