उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मील में अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां चोपन ब्लॉक के सलईबनवा प्राथमिक स्कूल में बुधवार को एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाया गया और उसे 80 बच्चों में बांटा गया. जैसे ही खबर सामने आई तो इस पर विवाद हो गया जिसके बाद प्रशासन एक्शन में आया है. इस मामले में शिक्षामित्र को बर्खास्त कर दिया गया और टीचर को निलंबित कर दिया गया.
रसोईया ने समझाया पूरा मामला...
सोनभद्र के चोपन ब्लॉक के सलईबनवा प्राथमिक स्कूल में बुधवार को मिड डे मील के मेन्यू के अनुसार बच्चों को खाना दिया. इस दौरान बच्चों में दूध भी बांटा जाना था. स्कूल की रसोईया ने बताया कि उसे एक ही लीटर दूध उपलब्ध कराया गया था और उसने 1 लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर 80 बच्चों को दे दिया.
Asst Basic Shiksha Adhikari, Sonbhadra: I am being told milk was unavailable, so they were directed by authority to mix water in it, in a balanced quantity. I'm also being told that teachers had gone to get more milk but meanwhile pictures were clicked & distributed them. (27.11) https://t.co/MSAr2rnoJI pic.twitter.com/Cej4TeEala
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2019
बच्चों को दोबारा बांटा गया दूध
मामला सामने आने के बाद जांच में करने पहुंचे एबीएसए मुकेश कुमार ने बताया कि बाद में भूल सुधार करते हुए बच्चों में दोबारा दूध बांटा गया था. प्रथम दृष्टया तो गलती शिक्षामित्र की लगती है और उसे बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही प्राथमिक टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में अब खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है.
दिखावटी भाजपा सरकार
मिलावटी पोषण-आहार! pic.twitter.com/jZkbT380kj
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 29, 2019
सोनभद्र से ये खबर आने के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मसले पर राज्य सरकार को घेरा है. अखिलेश ने ट्वीट किया, 'दिखावटी भाजपा सरकार,मिलावटी पोषण-आहार!'
अखिलेश के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी ट्वीट कर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा कि मिड-डे मील में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी यूपी को बताया था. आज सोनभद्र की ये घटना इसकी तस्दीक कर रही है. सीएम लाख दावे कर लें, लेकिन सरकार नहीं संभल रही है पूरा अमला भ्रष्टाचार में डूबा है और सीएम मूकदर्शक हैं.