यूपी में औद्योगिक निवेश को लेकर बनाए जा रहे माहौल से ब्रांड यूपी को गहरा धक्का लग सकता है. बताया जा रहा है कि टाटा मोटर्स अपने लखनऊ स्थित प्रोडक्शन प्लांट को उत्तराखंड के रुद्रपुर में शिफ्ट करने वाली है. टाटा मोटर्स ने इस आशय का फैसला अखिलेश सरकार की ओर से मुलायम सरकार में उद्योगों को दी जाने वाली रियायत बहाल नहीं करने के मद्देनजर लिया है.
2006 में मुलायम सिंह ने यूपी में निवेश करने वाले उद्योगों को जो सहूलियत दी थी, उसे मायावती सरकार ने वापस ले ली थी. लखनऊ के देवा रोड स्थित टाटा मोटर्स के इस प्लांट में प्रोडक्शन जल्द ही बंद हो सकता है. टाटा मोटर्स के इस प्लांट से हर रोज तकरीबन तीन सौ बीस ट्रकें और बसें निकलती हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इस वक्त डीटीसी में जितनी भी मार्कोपोलो बसें चल रही है वो सब टाटा के इसी प्लांट से निकली हैं. मगर राज्य सरकार की ओर से दी गई सुविधा वापस लेने से टाटा ने इस प्लांट के प्रोडक्शन को उत्तराखंड के रुद्रपुर में शिफ्ट करने का मन बना लिया है.
दरअसल 2006 में जब मुलायम सरकार थी, तब सरकार ने दो सौ करोड़ से ज्यादा निवेश करने वाले उद्योगों को बीस प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने के ऐलान किया था. इसके अलावा दस साल तक सेल्स टैक्स नहीं लेने का भी फैसला किया था. पहले साल का टैक्स ग्यारहवें साल में लेने की छूट दी गई. 2007 में जब मायावती की सरकार आई तो उन्होंने फैसले को निरस्त कर दिया. मायावती के इस फैसले के खिलाफ बाकी उद्योग कोर्ट चले गए, लेकिन टाटा मोटर्स उसमें शामिल नहीं था. उसने सरकार से बातचीत करके इस मुद्दे को हल करना चाहा, मगर वह असफल रहा.
जब सपा सरकार सत्ता में दोबारा आई तो इन्होंने सुविधा बहाल करने की बजाए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की जून 2013 में एक कमेटी बना दी, जो इस बात की जांच करने के लिए है कि कौन कौन से उद्योग सरकार की ओर से दी गई सहूलियतों का बेजा फायदा उठा रहे हैं. लेकिन इस कमेटी ने अभी तक अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है और देरी होने पर टाटा मोटर्स ने यहां से बोरिया बिस्तर बांधने का फैसला कर लिया है.
हालांकि मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार जल्द ही कोई फैसला ले लेगी, लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये सरकार अपने ही किए हुए कमिटमेंट को पूरा नहीं कर पाती. टाटा मोटर्स से जुड़ी कंपनी बेरीज ऑटो के मोहित सूरी का कहना है कि उत्तराखंड शिफ्ट होने से यूपी के लगभग साठ हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे. यह ब्रांड यूपी के लिए बहुत बड़ा धक्का होगा.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने पूरे मामले पर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश के दावे तो होते हैं पर अपने ही कमिटमेंट को ये सरकार पूरा नहीं करती है.