ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने को लेकर मसौदा राज्यों की सहमति के लिए भेजा गया है, बाकी राज्य अभी इस पर मंथन कर रहे हैं लेकिन योगी सरकार ने मंगलवार शाम अपने कैबिनेट में हरी झंडी दे दी.
योगी सरकार केंद्र सरकार के इस मसौदे से शत प्रतिशत सहमत है, जिसमें एक साथ ट्रिपल तलाक देने वालों को 3 साल की सजा हो सकती है. बता दें कि 8 महीने पहले शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने तलाक को लेकर जल्द ही कानून बनाने की वकालत की थी और अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को गैर कानूनी ठहरा दिया. योगी सरकार ने फैसले लेने में वक्त नहीं गंवाया.
योगी आदित्यनाथ की सरकार ट्रिपल तलाक पर केंद्र के कानून को सहमति देने वाली पहली सरकार है और उसने बिना किसी संशोधन के इस पर सहमति दे दी है.
कैबिनेट में चर्चा के वक्त यह कहा गया कि सरकार मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक देने की हिमायती है, लेकिन किसी तरह का भेदभाव मंजूर नहीं है. यही वजह है कि सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कड़े कानून बनाने और 3 साल की जेल को मंजूरी दी है.
शीतकालीन सत्र में 3 तलाक पर विधेयक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक (तत्काल तलाक) पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाने की योजना बना रही है. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सरकार तीन तलाक पर कानून की रूपरेखा तैयार करने और इसके कई उलझाव वाले बिंदुओं पर कार्य करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाएगी.
सर्वोच्च न्यायालय ने अगस्त में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया था.
हालांकि, पुरुषों के खिलाफ किसी भी दंडनीय प्रावधान के अभाव में अब भी लोग तीन तलाक दे रहे हैं. इसे मौलवियों का एक तबका अभी भी वैध ठहरा रहा है. इस प्रथा के खिलाफ महिलाओं को थोड़ी सुरक्षा मिली है.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "सरकार इसे जमीनी स्तर पर लागू करना चाहती है और इसलिए कानून लाने की जरूरत है."