उत्तर प्रदेश की सड़कों पर आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से परेशान उत्तर प्रदेश सरकार अब इस समस्या से निपटने के लिए सांडों की नसबंदी का अभियान शुरू करने जा रही है. सरकार सांडों की नसबंदी कराएगी. सरकार के इस कदम को गोवंश की संख्या में बेतहाशा वृद्धि और इसके कारण आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
सरकार के इस कदम पर पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज किया है. अखिलेश ने ट्वीट कर कहा है, "प्रदेश की भाजपा सरकार जानवरों की समस्या से निपटने के साथ-साथ उन समस्याओं पर भी ध्यान दे जो लगातार घटती GDP, प्रदेश में निवेश की शून्यता और बेरोजगारी से त्रस्त इंसानों के लिए मुंह खोले खड़ी है." उन्होंने आगे लिखा है कि, "न जाने सत्ता के मद में चूर भाजपा को कब होश आयेगा."
प्रदेश की भाजपा सरकार जानवरों की समस्या से निपटने के साथ-साथ उन समस्याओं पर भी ध्यान दे जो लगातार घटती GDP, प्रदेश में निवेश की शून्यता और बेरोज़गारी से त्रस्त इंसानों के लिए मुँह खोले खड़ी है.
न जाने सत्ता के मद में चूर भाजपा को कब होश आयेगा. pic.twitter.com/Ad2HrOlyfP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2019
एक हजार बछड़ों की होगी नसबंदी
सड़क पर घूमने वाले आवारा सांडों के साथ ही बछड़ों की भी नसबंदी कराने की तैयारी है. नगर निगम लखनऊ के कान्हा उपवन में पल रहे एक हजार बछड़ों की नसबंदी कराई जाएगी. उपवन इनका उपयोग खेती में करेगा. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में सड़क पर घूमने वाले सांडो की गड़ना भी कराई जाएगी.
इसके लिए प्रमुख सचिव पशुपालन को जिम्मेदारी दी गई है. इस कदम के पीछे बछड़ों और बछिया की नस्ल में गिरावट को भी वजह माना जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि इससे गोवंश की नस्ल में भी सुधार होगा.