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CM योगी आदित्यनाथ ने अचानक पेश किया रिपोर्ट कार्ड, बोले- 2 साल में कोई दंगा नहीं

CM Yogi Adityanath ने राज्य में बढ़ते अपराध पर हो रही आलोचना के बीच दावा किया कि संगठित किस्म के अपराध पर हमने काबू पा लिया है. उन्होंने कहा, 'हमने संगठित किस्म के अपराध पर एक हद तक काबू पा लिया है. हमने कानून के राज को मजबूत बनाया है. पारिवारिक झगड़े या निजी दुश्मनी के कुछ मामलों को छोड़ दें तो फिर पूरे प्रदेश में अब लोग सुरक्षित हैं.'

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल, ट्विटर)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल, ट्विटर)

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उत्तर प्रदेश में तेजी से ऊपर की ओर चढ़ते अपराध के ग्राफ के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक 7 ट्वीट कर अपने 21 महीने के शासनकाल की तारीफ की और कहा कि हमने राज्य में संगठित किस्म के अपराध पर एक हद तक काबू पा लिया है. हमने कानून के राज को मजबूत बनाया है. साथ ही यह भी दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में अभी तक कोई दंगा नहीं हुआ है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले ट्वीट में कहा, 'मैंने उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदल दी है. दो साल पहले तक, लोग यूपी को ज्यादातर भ्रष्टाचार, विधिहीनता, अराजकता और दंगों के लिए जानते थे. सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी लोगों के मन में यूपी को लेकर यही धारणा थी.' उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा कि मार्च में मेरे शासनकाल के दो वर्ष पूरे होंगे. मेरे अब तक के शासन में, कोई दंगा नहीं हुआ है.

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बढ़ते अपराध को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि संगठित किस्म के अपराध पर हमने काबू पा लिया है. उन्होंने ट्वीट में कहा, 'हमने संगठित किस्म के अपराध पर एक हद तक काबू पा लिया है. हमने कानून के राज को मजबूत बनाया है. पारिवारिक झगड़े या निजी दुश्मनी के कुछ मामलों को छोड़ दें तो फिर पूरे प्रदेश में अब लोग सुरक्षित हैं.' उन्होंने अपने चौथे ट्वीट में कहा कि धारणा में आए बदलाव के कारण सूबे में निवेश आ रहा है. आज देश और दुनिया की तमाम जगहों से बड़े-बड़े उद्योगपति यूपी में निवेश करने को उत्सुक हैं. राज्य में 2 लाख करोड़ का निवेश आ चुका है जो अपने आप में अप्रत्याशित है.

यूपी के मुख्यमंत्री ने अपने पांचवें ट्वीट में कहा कि संविधान में मेरी निष्ठा भारत के उन ऋषि-मुनियों की परंपरा का ही हिस्सा है जो किसी अन्य देश काल में सामाजिक व्यवस्था कायम करने के लिए स्मृतियों (सामाजिक आचार संहिता) की रचना कर रहे थे. अपने अगले ट्वीट में उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के दौर में 'भारतीय संविधान' को देश ने अपने सबसे पवित्र संहिता के रूप में अपनाया और इस संहिता को अटूट विश्वास से अंगीकार किया. अतीत में हमारे ऋषियों ने मनुस्मृति सहित अनेक स्मृतियां बनाई थीं ताकि समाज को चेतना के विभिन्न धरातल पर संचालित किया जा सके.

ताबड़तोड़ किए गए 7 ट्वीट्स में अपने सातवें ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, 'गोरक्षपीठ के महंत की अपनी भूमिका को मैं मुख्यमंत्री के अपने संवैधानिक पद के असंगत नहीं मानता. मैंने अपनी राजनीति को सेवा से जोड़ा है और इसमें मुझे अध्यात्म का आनंद मिलता है.'

भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने 7 ट्वीट्स में अपने शासनकाल की तारीफ की हो, लेकिन हाल के दिनों में राज्य में पुलिसकर्मियों पर भीड़ का हमला बढ़ा है उससे विपक्ष कानून-व्यवस्था पर सवाल लगातार उठा रहा है. बुलंदशहर के बाद गाजीपुर में भी एक पुलिसकर्मी भीड़ की भेंट चढ़ गया.  

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गाजीपुर में कांस्टेबल की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था बर्बाद कर रखा है. गाजीपुर विवाद को प्रशासन चाहता तो रोक सकता था. प्रधानमंत्री का कार्यक्रम था, वहां पर इतनी फोर्स थी, फिर भी ये हादसा हुआ. जब योगी कहते हैं कि ठोक दो... तो कभी पुलिस को नहीं समझ नहीं आता कि किसको ठोके और कभी जनता को नहीं समझ आ रहा है कि किसे ठोके.

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