उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता एक और मामला सामने आया. यहां मथुरा में वक्त पर एम्बुलेंस ना पहुंचने के कारण एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महिला को प्रसव पीड़ा उठने पर एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन लगातार फोन करने के बावजूद जब एंबुलेंस नहीं पहुंची, तो परिजन उसे लेकर अस्पताल के लिए भागे. लेकिन जब दर्द असहनीय हो गया तो महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.
#UttarPradesh: Woman gave birth on a road in #Mathura's Sonai as ambulance failed to reach her, yesterday. pic.twitter.com/NXldK7HhRH
— ANI UP (@ANINewsUP) October 30, 2017
इससे पहले भी ऐसी घटनाएं आई सामने
मध्य प्रदेश निवासी बीना बाई के प्रसव पीड़ा के दौरान जब उनके घर एंबुलेंस नहीं पहुंची, तो उन्होंने पैदल ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही जाने का फैसला लिया था. बरमानी गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है. महिला बरही पुलिस थाने के पीछे वाली सड़क पर पहुंची तो वहीं प्रसव हो गया और नवजात बच्चे की जमीन में गिरने से मौत हो गई थी.
डॉक्टर ने डिलिवरी से किया इंकार
वहीं अहमदाबाद में एक प्रेग्नेंट महिला अस्पताल में अपने बच्चे की डिलिवरी के लिए गई थी. महिला के परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल की कागजी प्रक्रिया ना होने की वजह से उसकी सड़क पर ही डिलिवरी हो गई और बच्चा मर गया. अस्पताल में इससे पहले ट्रीटमेंट नहीं लिया तो उन्होंने कहा कि यहां डिलिवरी नहीं हो सकती.
महिला ने कैब में दिया बच्चे को जन्म
गुरुग्राम में सिविल अस्पताल जाते समय एक महिला ने एक कैब में बच्चे को जन्म दिया. उनके पति ने अस्पताल पर भर्ती करने में देरी का आरोप लगाया. महिला के पति रमेश यादव ने दावा किया कि जब वे अस्पताल पहुंचे तो जच्चा और बच्चा को भर्ती करने में करीब एक घंटे की देरी हुई, जो काफी महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इस दौरान संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होता है.