साल के पहले ही दिन माता वैष्णो देवी के दर्शन करने गए 12 श्रद्धालुओं की भगदड़ की वजह से मौत हो गई. कई लोग इस घटना में घायल भी हुए. वैष्णो देवी हादसे में गोरखपुर के चिकित्सक की भी मौत हुई है. उनके गांव में मातम पसर गया है. हर कोई इस आकस्मिक मौत से दुखी है. घर के बाहर शुभचिंतकों की भीड़ लग गई है.
लोगों की जान बचाई, भगदड़ में डॉक्टर की मौत
अरुण ने कोरोना काल में कोविड की चपेट में आने वाले मरीजों की सेवा के लिए दिन-रात ड्यूटी की थी. उनकी एक माह पहले शादी हुई थी. वे पत्नी और चिकित्सक मित्रों के साथ 29 दिसंबर को वैष्णो देवी दर्शन के लिए सड़क मार्ग से गए थे. देर रात हादसे के समय जब पत्नी और दोस्त गुफा में प्रवेश कर गए, तो इलेक्ट्रॉनिक घड़ी के साथ प्रवेश नहीं मिलने की वजह से वे बाहर घड़ी जमा करने गए और हादसे का शिकार हो गए.
साल के पहले दिन शनिवार की सुबह डॉ. अरुण की मौत की खबर आते ही पूरे गांव में मातम छा गया. अरुण के पिता सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि 29 दिसंबर को वे वैष्णो देवी में दर्शन करने के लिए गए थे. उन्होंने बताया कि उनके साथ चिकित्सक दोस्त भी गए थे. जब पत्नी डॉ. अर्चना सिंह और उनके दोस्त गुफा में दर्शन के लिए पहुंच गए, तो वे इलेक्ट्रॉनिक घड़ी जमा करने के लिए नीचे लौटे और उसी समय भगदड़ का शिकार हो गए. उनकी शादी 1 दिसंबर को हुई थी. उनके पिता पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी टीवी के माध्यम से मिली है.
दोस्तों के साथ गए थे वैष्णो देवी
अरुण प्रताप सिंह के दोस्त चिकित्सक डॉ. अतुल जायसवाल ने बताया कि वे इंटरमीडिया से लेकर पीएमटी की सभी तैयारियां एक साथ मिलकर की है. बहुत मधुर संबंध रहा है, मेरे खास मित्रों में वे शामिल रहे हैं. अरुण की पत्नी डॉ. अर्चना सिंह भी पार्थिव शरीर के साथ शाम 7.30 बजे लखनऊ एयरपोर्ट हवाई मार्ग से पहुंचेंगी. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को देर रात गोरखपुर लाया जाएगा. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव रामपुर बजुर्ग के पूरब मंझना नाला बड़ा पुल घाट पर होगा.
वैसे मृतकों में दो व्यक्ति उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के भी शामिल है. साल्लाहपुर गांव के निवासी विनीत सहगल और धर्मवीर ने भी इस घटना में अपनी जान गंवा दी है. उनके घर में मातम पसरा हुआ है.