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वाराणसी: अनिश्चितकाल हड़ताल पर जाएंगे बुनकर, फ्लैट रेट पर बिजली की मांग

बुनकर संघ का आरोप है कि बिजली विभाग ने सरकार से 800 से 900 करोड़ रुपये तक लिए जबकि ढाई से तीन सौ करोड़ रुपये में उनका बिजली का बिल निपट जाता है. संघ का आरोप है कि फर्जी बिलिंग करके बुनकरों के नाम पर पैसा लिया गया है.

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बिजली की कीमतें कम करने की मांग (फोटो-आजतक)
बिजली की कीमतें कम करने की मांग (फोटो-आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिजली की मार, बुनकर बेकार
  • सरकार ने बढ़ाई बिजली की दरें
  • 1 सितंबर से बंद होंगे करघे

वाराणसी के साड़ी बुनकरों ने 1 सितंबर से अपने करघों को बेमियादी वक्त के लिए बंद करने का निर्णय लिया है. ये बुनकर बिजली की बढ़ी कीमतों से परेशान हैं. बजली की बढ़ी कीमतों से परेशान बुनकरों का कहना है कि उनके लिए करघा चलाना संभव नहीं रह गया है. 

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उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रदेश अध्यक्ष इफ्तेखार अहमद अंसारी ने कहा कि पावरलूम बुनकरों का बिजली रेट काफी बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से फ्लैट दरों पर बिजली बिल चुकाया जा रहा था. इसमें वे एक पावरलूम के लिए साढ़े 71 रुपये दे रहे थे. जबकि आज इस दर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. अब प्रत्येक पावरलूम के लिए 1500 रुपये बिजली का बिल देना पड़ेगा. 

कई गुना बढ़ा बिजली बिल 

इफ्तेखार अहमद अंसारी ने कहा कि ये रकम चुकाने में बुनकर सक्षम नहीं है. उत्तर प्रदेश बुनकर सभा की संचालन समिति की बैठक में तय किया गया है कि 1 सितंबर से वाराणसी के बुनकर अपने पावरलूम को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दंगे. 

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अगर इसके बावजूद भी सरकार ने बिजली की दरें कम नहीं की तो बनारस के बुनकर खुद अपने बिजली कनेक्शन को हमेशा के लिए कटवा देंगे. उन्होंने बताया कि बुनकरों के बिजली बिलों को फर्जी तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर बिजली विभाग ने सरकार से पैसा लिया. 

बिजली विभाग ने गलत पैसा लिया 

बुनकर संघ का आरोप है कि बिजली विभाग ने सरकार से 800 से 900 करोड़ रुपये तक लिए जबकि ढाई से तीन सौ करोड़ रुपये में उनका बिजली का बिल निपट जाता है. संघ का आरोप है कि फर्जी बिलिंग करके बुनकरों के नाम पर पैसा लिया गया है. सरकार से इस भ्रष्टाचार की हमने बहुत शिकायत की, लेकिन उसकी कोई जांच नहीं हो रही है. 

बुनकरों ने कहा कि उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और उन्हें भरोसा दिया गया था कि उन लोगों से पुराने दर पर बिजली बिल लिया जाएगा. 

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ठप हो जाएगी 3 लाख पावरलूम मशीनें

लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण सारी फाइलें उसी तरह पड़ी रह गईं और आज तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. 

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बुनकर संघ का कहना है कि पूरे प्रदेश में लगभग तीन लाख पावरलूम की मशीन है और इससे 15 लाख बुनकर सीधे जुड़े हुए हैं, 1 सितंबर से ये सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

 

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