कोरोना की वैक्सीन बनने के साथ ही सभी के दिल में कोरोना के खात्मे की उम्मीद जग गई है और लोग अपने अपने तरीकों से कोरोना से मुक्ति के लिए कामना में भी जुटे हुए हैं. लेकिन धर्म की नगरी काशी में बाबा काल भैरव के दरबार में 100-200 किलो नहीं, बल्कि 350 किलो के अनूठे केक को काटकर भैरव बाबा से कोरोना मुक्ति की अर्जी लगाई गई.
पंच मेवा, ड्राई फ्रूट और फलों से बने केक की खास बात यह भी थी कि इसपर लॉकडाउन के दर्द से लेकर कोरोना वॉरियर और कोरोना की आकृति और वैक्सीन को भी उकेरा गया था. बाबा काल भैरव का नाम जहन में आते ही बुरी नजर, बाधा और सभी तरह की दिक्कत-मुसीबत से मुक्ति की उम्मीद जग जाती है और यहीं चीज अब कोरोना के खात्मे के लिए भी होने वाली है वैक्सीन के जरिय.
वैक्सीन के आने के पहले उसके कारगर होने और बाबा काल भैरव के आशीर्वाद के लिए खुद बाबा भैरव के जन्मदिन से अच्छा कोई और अवसर नहीं हो सकता था. यही वजह थी कि धर्म की नगरी काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा कालभैरव के दरबार में अनूठा कोरोना-वैक्सीन का केक भैरव अष्टमी पर काटा गया. साढ़े तीन सौ किलोग्राम के केक की खास बात यह थी कि ड्राई फ्रूट, पंच मेवा और फलों से बने केक पर कोरोना काल की तमाम तस्वीरों को उकेरा गया था.
जैसे- लॉकडाउन में लोगों के पलायन का दर्द, कोरोना वॉरियर और तो और कोरोना की आकृति भी केक के शक्ल में बनाई गई थी. साथ ही विशाल केक पर बना बड़ा वैक्सीन का इंजेक्शन नई उम्मीद को दर्शा रहा था. केक तैयार करने वाले आस्थावानों में से एक प्रिंस गुप्ता की मानें तो पिछले डेढ़ दशकों से भैरव अष्टमी के अवसर पर वे इलाके के अन्य आस्थावानों के साथ मिलकर महाकेक काटते चले आ रहें हैं और फिर भक्तों में इसका वितरण होता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए महज साढ़े 3 सौ किलो का ही केक काटा गया है जो पिछले साल 7 सौ किलो का आधा है और इस बार कोरोना संक्रमण के वक्त उनके साथ ही सभी आस्थावानों को उम्मीद है कि बाबा काल भैरव कोरोना से मुक्ति जरूर दिलाएंगे.