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मायावती बोलीं- प्रशासन का ढुलमुल रवैया फिरोज खान मामले को दे रहा तूल

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर मचे बवाल पर मायावती ने बयान दिया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है.

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बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)
बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)

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  • BHU में संस्कृत के टीचर के रूप में मुस्लिम शिक्षक का विरोध
  • मुस्लिम शिक्षक के विरोध में धरने पर छात्र, कई दिनों से पढ़ाई ठप

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कॉलर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर मचे बवाल पर मायावती ने बयान दिया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.

मायावती ने कहा कि प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है. कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म और जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बीएचयू द्वारा एक मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेंट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस संबंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए. मायावती ने कहा कि सरकार इसपर ध्यान दे तो बेहतर होगा.

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मुस्लिम शिक्षक के विरोध में कई दिनों से पढ़ाई ठप

बीएचयू के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्त मामले पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को लेकर पिछले 14-15 दिनों से पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. छात्र धरने पर बैठे हुए हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच कई बार बातचीत की कोशिश की गई लेकिन बेनतीजा रही. मामला कब खत्म होगा, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. धरने पर बैठे छात्र ढोल-मजीरे के साथ रघुपति राघव राजा राम का भजन कर रहे हैं. साथ ही वीसी के खिलाफ नारेबाजी भी की जा रही है.

छात्र क्यों कर रहे हैं मुस्लिम शिक्षक का विरोध

धरने की अगुवाई कर रहे पीएचडी स्कॉलर चक्रपाणि ओझा के मुताबिक, यह विरोध फिरोज खान (बीएचयू के प्रोफेसर) का नहीं, बल्कि धर्म विज्ञान डिपार्टमेंट में एक गैर हिंदू की नियुक्ति का है. अगर यही नियुक्ति विश्वविद्यालय के किसी अन्य डिपार्टमेंट में संस्कृत अध्यापक के रूप में होती तो विरोध नहीं होता. यह समझने की जरूरत है कि संस्कृत विद्या कोई भी किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़ और पढ़ा सकता है, लेकिन धर्म विज्ञान की बात जब कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति करे तो विश्वसनीयता नहीं रह जाती.

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फिरोज खान को मुस्लिम होने के नाते नियुक्ति में हो रही परेशानी

वहीं, सहायक प्रोफेसर फिरोज खान का कहना है, मेरे पिता रमजान खान ने संस्कृत में शास्त्री की उपाधि ली है. उन्हीं की प्रेरणा से मैंने संस्कृत का अध्ययन शुरू किया. मैंने दूसरी कक्षा से संस्कृत की शिक्षा लेनी शुरू की. संस्कृत से मैंने जेआरएफ किया लेकिन कभी भी मुस्लिम होने के नाते कोई परेशानी नहीं हुई. मगर नियुक्ति को लेकर चल रहे आंदोलन से मैं हतोत्साहित हूं.

BHU के मुस्लिम प्रोफेसर को मिला AMU का समर्थन

बीएचयू के प्रोफेसर फिरोज खान की संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में नियुक्ति के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्रोफेसर को एएमयू से समर्थन मिला है. जहां बीएचयू के छात्र फिरोज के मुस्लिम होने के कारण उनकी नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं, वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र उनके समर्थन में आगे आए हैं.

बीएचयू को लिखे एक पत्र में एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा, खान के सार्वजनिक बयान से हमें बहुत दुख हुआ. मुस्लिम होने के कारण विरोध होने पर बीएचयू में उन्हें अपमान महसूस होता है. उन्होंने कहा, हम उनके और उनकी योग्यता के साथ हैं. अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ तो हम शांत नहीं रहेंगे.

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