वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर विवाद शुरू हो गया है. महिला वादियों में आपस में कार्बन डेटिंग को लेकर विवाद छिड़ गया है. पांच महिला वादियों में एक राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया है. जितेंद्र सिंह बिशेन की बहन राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग के विरोध के पीछे अपना तर्क रखा है.
कार्बन डेटिंग को लेकर 29 सितंबर को वाराणसी की अदालत में सुनवाई है लेकिन पांच महिला वादियों में से एक राखी सिंह ने पत्र लिखकर कार्बन डेटिंग का यह कहकर विरोध किया है कि अगर कार्बन डेटिंग कराई जाती है तो इसका मतलब है कि हम आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं, इसलिए किसी कीमत पर कार्बन डेटिंग नहीं होने दिया जाएगा, इसका विरोध किया जाएगा.
वहीं दूसरी ओर चार अन्य महिला वादियों की ओर से कार्बन डेटिंग की मांग की गई है. इसकी पैरवी विष्णु जैन कर रहे हैं. इस पर 29 सितंबर को सुनवाई है. दरअसल. यह लड़ाई शिवलिंग के कार्बन डेटिंग से कहीं ज्यादा जितेंद्र सिंह बिशेन और विष्णु जैन के बीच केस में वर्चस्व को लेकर है.
महिलाओं के लिए ज्ञानवापी परिसर में माता श्रृंगार गौरी की लड़ाई शुरू करने वाले वकील जितेंद्र सिंह बिशेन को लगता है कि उन्होंने यह लड़ाई शुरू की लेकिन सारी प्रसिद्धि हरिशंकर जैन और विष्णु जैन को मिल रही है. इससे पहले भी जब ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के वीडियो लीक हो गए थे, तब भी दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था.
माता श्रृंगार गौरी मामले को लेकर जो 5 महिलाऐं अदालत गई थी उसमें से 4 महिलाओं के वकील विष्णु जैन हैं जबकि राखी सिंह जो कि जितेंद्र सिंह बिशेन की बहन है, उनकी पैरवी खुद जितेंद्र सिंह बिशेन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कार्बन डेटिंग से लकड़ी, चारकोल, पुरातात्विक खोज, हड्डी, चमड़े, बाल और खून के अवशेष की उम्र पता चल सकती है कार्बन डेटिंग से लेकिन एक अनुमानित उम्र ही. सटीक उम्र का पता लगाना मुश्किल होता है. पत्थर और धातु की डेटिंग नहीं की जा सकती, लेकिन बर्तनों की डेटिंग हो सकती है. अगर पत्थर में किसी प्रकार का कार्बनिक पदार्थ मिलता है तो उससे एक अनुमानित उम्र का पता किया जा सकता है.