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वाराणसीः गंगा आरती देखकर मंत्रमुग्ध हुए राष्ट्रपति कोविंद, साथ ही दिया ये जरूरी सुझाव

वाराणसी आते ही सबसे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिवार संग पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की. राष्ट्रपति सबसे गर्भगृह पहुंचे जहां उन्होंने बाबा दरबार में सपरिवार षोडशोपचार पूजन किया. मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रपति को अंग वस्त्र, रुद्राक्ष की माला प्रसाद के साथ ही पीतल का शंख भेंट किया.

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वाराणसी में पूर्जा-अर्चना करते राष्ट्रपति कोविंद (फोटो-रोशन जायसवाल)
वाराणसी में पूर्जा-अर्चना करते राष्ट्रपति कोविंद (फोटो-रोशन जायसवाल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्वांचल के तीन दिवसीय दौरे पर हैं राष्ट्रपति कोविंद
  • राष्ट्रपति ने कल दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखी
  • CM योगी ने राष्ट्रपति को अंग वस्त्र समेत कई चीजें भेंट की

शनिवार का दिन इतिहास के पन्नों में इसलिए दर्ज होगा, क्योंकि पहली बार देश के राष्ट्रपति ने वाराणसी की विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती देखी. इससे पहले कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखी है, लेकिन पहली बार देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गंगा आरती का अलौकिक नजारा निहारा. 

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पूर्वांचल के तीन दिवसीय दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी शुरुआत काशी के उस पुण्य से की, जिसके भागी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार बन चुके तो कई विदेशी मुल्कों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि भी.

वाराणसी आते ही सबसे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिवार संग पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की. राष्ट्रपति सबसे गर्भगृह पहुंचे जहां उन्होंने बाबा दरबार में सपरिवार षोडशोपचार पूजन किया. दर्शन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को अंग वस्त्र, रुद्राक्ष की माला प्रसाद के साथ ही पीतल का शंख भेंट किया. वहीं प्रथम महिला को अंग वस्त्र माला और दुपट्टा उपहार स्वरूप भेंट किया गया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फोटो-रोशन जायसवाल)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फोटो-रोशन जायसवाल)

दर्शन के बाद महामहिम श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माणाधीन भवनों को भी देखा. काशी विश्वनाथ के सीधे बाद राष्ट्रपति परिवार सहित दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक संध्या आरती में शरीक होने सपरिवार पहुंचे. उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी मौजूद थीं. वहां वे लगभग 45 मिनट गंगा आरती में रमे नजर आए.

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गंगा आरती देखते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फोटो-रोशन जायसवाल)

कभी हर हर महादेव के उद्घोष के साथ उनके दोनों हाथ उठ जाते तो कभी हाथ हवा में हिलाकर वे सभी का अभिवादन भी स्वीकार करते नजर आए. आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि की ओर से राष्ट्रपति को प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र भी भेंट किया गया. संस्था के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रपति साहब ने गंगा आरती देखकर काफी खुशी जाहिर की.

वहीं गंगा आरती के बाद बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय के साथ भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुछ समय बिताया. प्रो उपाध्याय बताते हैं कि महामहिम ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की और भाव विभोर भी हुए. इसके साथ ही राष्ट्रपति कोविंद ने सुझाव भी दिया कि मध्यप्रदेश के जबलपुर में नर्मदा के किनारे भी आरती होती है, वो आरती भी काफी अच्छी है और काशी की गंगा आरती तो विश्वप्रसिद्ध है. इसलिए दोनों जगहों का आपसी संस्कृति का आदान-प्रदान होते रहना चाहिए. आरती का स्वरूप और भी परिष्कृत तथा भव्य हो, ये लोगों के लिए आनंद का विषय होगा साथ ही लोगों के आपसी संस्कृति का आदान-प्रदान भी होगा.

 

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