वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने वाले विभाष दूबे ने कई दावे किए हैं. आजतक से खास बातचीत में विभाष दूबे ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ प्राचीन घंटा और फूलों की लड़ियां दिखाई दी थी. वीडियोग्राफर विभाष दुबे के दावों ने एक बार फिर माहौल गरमा दिया है.
आजतक से बात करते हुए विभाष दूबे ने कहा कि श्रृंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णुजी का फन काढ़े नाग और ब्रह्माजी का कमल दिखा. उसने बताया कि मुझे यह जानकारी पहले दी गई थी की ये काम करना है, जब अंदर आए तब माहौल ठीक था लेकिन जब हिंदू और मुस्लिम पक्ष अंदर आए तब माहौल थोड़ा गरमाया, आपस में बहस भी चल रही थी लेकिन कुछ समझदार लोग समझा रहे थे.
'श्रृंगार गौरी के नीचे शिलाभाग में कमल बना था'
वीडियोग्राफर विभाष दूबे ने कहा कि उत्तर और पश्चिम से सर्वे का काम शुरू हुआ था, खरोंच कर हटाने वाली बात गलत है, रिकॉर्ड करने के लिए धूल ही हटाई गई थी. दो parallel camera लगातार चल रहे थे, मेरे सहयोगी गणेश भी शूट कर रहे थे, श्रृंगार गौरी के शिलाभाग के नीचे वाले हिस्से में कुछ चीज थी जब नीचे झांक कर देखा, कमल बना था.
'मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ घंटा'
वीडियोग्राफर विभाष दूबे का दावा है कि कमल के अलावा फूलों की लड़ियां भी थी, ठीक सामने वाली मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ घंटा दिखाई दिया, जो मस्जिद की पश्चिम वाली दीवार पर था. काफी पुराना तराशा घंटा हुआ, जिस पर नक्काशी हुई थी, नीचे से बढ़ते हुए दक्षिण दिशा बढ़े, 6 मई को अंदर जाने की कोशिश हुई तब विरोध शुरू हुआ.
उत्तर और पश्चिम से सर्वे शुरू हुआ, खुरेच कर हटाने वाली बात गलत है, धूल ही हटाई गई रिकॉर्ड करने के लिए।
— AajTak (@aajtak) May 11, 2022
ज्ञानवापी सर्वेक्षण के प्रत्यक्षदर्शी और वीडियोग्राफर विभाष दुबे का सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू। #GyanvapiMasjid #ReporterDiary
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'मस्जिद के दक्षिण में स्वास्तिक भी दिखा'
वीडियोग्राफर विभाष दूबे का दावा है कि नंगी आंखों से यह सब वहां जाकर देखा जा सकता है, जिस तरफ नंदी मुंह कर बैठे हैं वहां मस्जिद की दीवार पर फूलों की लड़ियां दिखीं, दक्षिण में स्वास्तिक भी दिखा, कलाकृतियां साफ नज़र आती हैं, फन काढ़े हुए विष्णु जी का नाग भी दिखा, श्रृंगार गौरी की दीवार पर गढ़े हुए दिखे.
'सर्वे का विरोध करने अचानक आ गई थी भीड़'
वीडियोग्राफर विभाष दूबे ने कहा कि बाहर जब नारे लगने शुरू हुए तो अंदर से डर लग रहा था, अगले दिन कई लोग एकदम से सामने आ गए जो एक्सपेक्टेड नहीं था, अचानक आई भीड़ करीब 100 लोगों की थी, वह कैमरा लगने के बाद भीं नही हट रहे थे, वह सब विरोध के लिए सामने आकर खड़े हो गए.
'जो मैंने नंगी आंखों से देखा, वह बता रहा हूं'
वीडियोग्राफर विभाष दूबे के मुताबिक, 'मुस्लिम वकीलों ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन होगा, तब वकील कमिश्नर ने कहा तब फिर अंदर जाने दें इस पर सबने चुप्पी साध ली. अपनी रिकॉर्डिंग पर हम नहीं बोल सकते, लेकिन जो मैने नंगी आंखों से देखा वो सब मैंने बताया है.' वीडियोग्राफर विभाष दूबे के दावे के बाद एक बार फिर ज्ञानवापी का मुद्दा बड़ा हो सकता है.