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काशी विद्यापीठ: चौथे सेमेस्टर की थी परीक्षा, पेपर मिला दूसरे सेमेस्टर का, छात्रों का हंगामा

गांधी अध्ययन पीठ के विद्यार्थियों ने कहा कि वे एमए के चौथे सेमेस्टर के द्वितीय प्रश्नपत्र 'अहिंसा और शांति' की परीक्षा देने आए थे. घंटों इंतजार के बाद उनको चौथे सेमेस्टर की जगह दूसरे सेमेस्टर का पेपर थमा दिया गया.

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प्रदर्शन कर रहे छात्र (फोटो-आजतक)
प्रदर्शन कर रहे छात्र (फोटो-आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
  • छात्रों को दिया गलत प्रश्नपत्र
  • काशी विद्यापीठ का मामला

कोरोना काल में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की ओर से ली जाने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में कॉलेज प्रशासन की ओर से लापरवाही दिख रही है. इसकी वजह से कोरोना के दौर में दूर दराज से परीक्षा देने आए स्टूडेंट्स को बहुत परेशान हो रही है. 

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ताजा मामला सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययन पीठ विभाग का है. यहां चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं को दूसरे सेमेस्टर का प्रश्न पत्र थमा दिया गया.

प्रशासन की लापरवाही देखकर विद्यार्थी भड़क गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद परीक्षा को टाल दिया गया. विश्वविद्यालय के मुताबिक अब 3 अक्टूबर को ये परीक्षा करवाई जाएगी. 

गांधी अध्ययन पीठ के विद्यार्थियों ने कहा कि वे एमए के चौथे सेमेस्टर के द्वितीय प्रश्नपत्र 'अहिंसा और शांति' की परीक्षा देने आए थे. घंटों इंतजार के बाद उनको चौथे सेमेस्टर की जगह दूसरे सेमेस्टर का पेपर थमा दिया गया. इसके बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय के पंत प्रशासनिक भवन पर एकजुट होकर जमकर हंगामा और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी तरह छात्रों को समझाया और जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. 

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प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि इससे पहले भी विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा के दौरान तमाम लापरवाहियां की गई है. लेकिन इस बार हद ही हो गई क्योंकि वह कोरोना काल में बड़ी मुश्किल से परीक्षा देने आए हैं. अब उनको परीक्षा में गलत प्रश्न पत्र ही दे दिया गया. विद्यार्थियों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. 

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