वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गेट पर सत्संग मंडल के सदस्य धरने पर बैठ गए हैं. ये लोग विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर में श्रीरामचरितमानस नवान्ह परायण ज्ञान महायज्ञ के आयोजन से रोके जाने से नाराज हैं. मंडल के पदाधिकारियों का आरोप है कि अनुमति होने के बाद भी 61 सालों की परंपरा को विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने रोक दिया है.
वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गेट पर सत्संग मंडल के सदस्य धरने पर बैठ गए हैं. यह लोग विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर में श्रीरामचरितमानस नवान्ह परायण ज्ञान महायज्ञ के आयोजन से रोके जाने से नाराज हैं.
मंडल के पदाधिकारियों का आरोप है कि अनुमति होने के बाद भी 61 सालों की परंपरा को विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने रोका है. सड़क पर ही आयोजन से संबंधित टेंट, कुर्सी, टेबल और अन्य सामान को प्रशासन ने रखवा दिया है.
धरने पर बैठे लोग
नाराज श्रद्धालु धरने पर बैठे
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट पर आज गुरुवार को उस वक्त धरना शुरू हो गया जब अनुमति होने के बावजूद रामचरितमानस आयोजन की इजाजत नहीं होने पर श्री काशी सत्संग मंडल के पदाधिकारी और श्रद्धालु धरने पर बैठ गए.
ऐसा ही कुछ नजारा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 छत्ता द्वार पर उस वक्त देखने को मिला जब काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी परिसर में पिछले 61 वर्षों से 'श्रीरामचरितमानस नावन्ह परायण ज्ञान महायज्ञ' की अनुमति होने के बावजूद आयोजन की इजाजत नहीं मिली और आयोजन से संबंधित सारा सामान परिसर में जाने से पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया.
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के इस रवैये से नाराज होकर आयोजन कर्ता काशी सत्संग मंडल वहीं अपने साजो सामान के पास ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए. धरनास्थल पर मंडल के पदाधिकारियों का साथ देने कई श्रद्धालु भी जुट गए.
धरना दे रहे मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि योगीराज में इस तरह का रवैया अपेक्षित नहीं था, क्योंकि पिछले 61 वर्षों से परंपरा अनुसार उनका रामचरितमानस निर्धारित जगह पर होता चला आ रहा है, लेकिन इस बार विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की मनमानी के चलते उनको बाहर धकेल दिया गया है.
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सड़क पर ही कार्यक्रम करेंगे
अब उन्होंने अपनी मांग नहीं माने जाने पर मंदिर के बाहर सड़क पर ही बैठ कर श्रीरामचरितमानस पाठ करने की चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि माघ मेले के दौरान चलने वाले इस कार्यक्रम में भारी संख्या में साधु संत भी शरीक होते हैं और अगर उनको श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर में आयोजन की इजाजत नहीं मिलती तो वह बाध्य होकर सड़क पर ही अपना कार्यक्रम करेंगे.
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हालांकि धरना स्थल पर मंदिर प्रशासन के अपर कार्यपालक अधिकारी ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. इस मसले पर अधिकारियों ने मीडिया से कुछ भी बोलने से भी मना कर दिया.
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धरने के दौरान मंडल के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम से संबंधित परमिशन लेटर और संवेदनशील क्षेत्र में जाने की इजाजत वाले अपने आई कार्ड को भी दिखाया जो काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा की ओर से जारी किया गया है.