उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से बहुत पहले ही सियासी हलचल तेज होती जा रही है. योगी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को कहा कि अगर मुसलमान असदुद्दीन ओवैसी के साथ रहकर शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी की बात करे तो क्या वह देशद्रोही हो जाएगा?
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ हाथ मिला लेने के सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी कश्मीर में महबूबा मुफ्ती से हाथ मिला ले तो ठीक, कांग्रेस के साथ मुसलमान रहे, सपा-बसपा के साथ भी रहे तो ठीक, लेकिन अगर मुसलमान ओवैसी के साथ रहकर शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी की बात करे तो क्या वह देशद्रोही हो जाएगा? जिसको जो कहना है वो कहता रहे, लेकिन 2022 में हिंदू-मुस्लिम नहीं शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और घरेलू बिजली बिल माफी के सवाल पर चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि 27% पिछड़ों को आरक्षण बढ़ाकर 52% किया जाए.
'हम को संदेह की नजर से नहीं देख रही जनता'
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजभर ने ओवैसी के साथ हाथ मिला लेने और कभी बीजेपी के साथ रहने के सवाल के जवाब में कहा कि जनता हम को संदेह की नजर से नहीं देख रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत बीजेपी को है, जो हिंदू मुसलमान करती है. अगर उनकी भाषा में कहें तो 8-8 दल हिंदू हैं और एक दल मुस्लिम का है. अब उनको चिंता हो गई है कि हिंदू मुसलमान कैसे करेंगे? सपा, बसपा, कांग्रेस ने केवल मुसलमानों का इस्तेमाल किया है. उनको अधिकार देने की बात आई तो यह मुकर गए हैं.
लव जिहाद से जुड़े सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लेकर अभद्र टिप्पणी की और उस पर जमकर निशाना साधा. प्रदेश की योगी सरकार को 104 पूर्व आईएएस अफसरों की ओर से धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश के लिए पत्र लिखे जाने को सही ठहराते हुए राजभर ने कहा कि देश का संविधान तो लागू नहीं हो पा रहा है और इस नए कानून की क्या जरूरत है?
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AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला चुके ओमप्रकाश राजभर ने ओवैसी की ओर से लव जिहाद कानून की की जा रही मुखालफत का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी संविधान के दायरे में जो व्यस्क हो गया उसको अधिकार है. बीजेपी सिर्फ नफरत और झगड़ा पैदा करने तथा दंगा फैलाने के लिए कानून लाती है. इसका ताजा उदाहरण हैं तीन कृषि कानून.
लव जिहाद को लेकर राजभर ने कहा कि इनकी जहां सरकार है वे यह कानून लागू करेंगे, लेकिन 2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनाकर हम इस कानून को खत्म कर देंगे.