यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों के लिए ये खबर अहम है. अब कमजोर आंखों वालों को जांच के बाद ही इस एक्सप्रेस-वे पर ड्राइव करने की इजाजत मिलेगी. यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए यमुना अथॉरिटी ने ये नया फरमान जारी किया है, जिसके तहत अब वहां से गुजरने वाले वाहनों के टायर भी चेक किए जाएंगे. अगर टायर कटे-फटे या जर्जर हालत में है तो ऐसे वाहनों को यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने नहीं दिया जाएगा. वहीं, ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क से ज़ेवर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक एक्सप्रेस मेट्रो की कनेक्टिविटी पर विचार किया जा रहा है.
यमुना अथॉरिटी का आदेश
दरअसल, यमुना उद्योग विकास प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है कि जिस ड्राइवर की आईसाइट ठीक नहीं होगी उसको यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर की इजाजत नहीं दी जाएगी. आईसाइट चेक करने के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रबंध किया जाएगा. यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगातार बढ़ते हादसों की वजह से इस तरह के नियम बनाए जा रहे हैं.
टायरों की होगी जांच
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुनवीर सिंह ने बताया कि वाहनों के टायरों की जांच के साथ-साथ यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. टायर में कितनी हवा होनी चाहिए, उनका सफर कैसे सुरक्षित हो इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों को कम किया जा सके.
एक्सप्रेस मेट्रो की कनेक्टिविटी पर विचार
इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क से ज़ेवर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक एक्सप्रेस मेट्रो की कनेक्टिविटी पर विचार किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मेट्रो की विस्तृत योजना तैयार करने का और उसमें संशोधन करने का फैसला किया है.
प्रदेश सरकार का मानना है कि नोएडा एयरपोर्ट तक जाने वाली मेट्रो को तेज कनेक्टिविटी की जरूरत होगी. मौजूदा डीपीआर के हिसाब से यह संभव नहीं हो सकता है. अगर ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक 25 मेट्रो स्टेशनों पर रुकेगी तो करीब 1:15 से 1:30 घंटे तक का वक्त लगेगा, ऐसे में एयरपोर्ट के यात्री सेवा का लाभ लेने से बचेंगे.
यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली की तर्ज पर एक्सप्रेस मेट्रो पर विचार कर रही है. जिसमें स्टेशन की संख्या कम हो और सफर में काम वक़्त लगे. इसके साथ ही सरकार और यमुना प्राधिकरण दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन का अध्ययन करके उसके डीपीआर में संशोधन करने की कोशिशों में जुटे हैं. अभी फिलहाल ग्रेटर नोएडा से होते हुए एयरपोर्ट तक 25 स्टेशनों पर रोकने का प्रस्ताव है. ये मेट्रो लाइन यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ यानी समानांतर बनाई जाएगी.