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IAS इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो से ज्यादा उसकी किताबों में कट्टरता का जहर! SIT के सामने दर्ज करवाया बयान

यूपी के कानपुर में कमिश्नर रहे सीनियर आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन ने बुधवार को एसआईटी टीम के सामने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं. इफ्तिखारुद्दीन अपने बयान दर्ज कराने के लिए अपनी तीनों किताबों के साथ पहुंचे थे.

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इफ्तिखारुद्दीन
इफ्तिखारुद्दीन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इफ्तिखारुद्दीन ने एसआईटी के सामने दर्ज करवाया बयान
  • तीनों किताब के साथ पहुंचे थे IAS इफ्तिखारुद्दीन

यूपी के कानपुर में कमिश्नर रहे सीनियर आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन ने बुधवार को एसआईटी टीम के सामने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं. इफ्तिखारुद्दीन अपने बयान दर्ज कराने के लिए अपनी तीनों किताबों के साथ पहुंचे थे. जानकारी के अनुसार एसआईटी ने इफ्तिखारउद्दीन ने एसआईटी के दिखाए वीडियो में मौजूद होना कुबूल किया है, लेकिन धर्मांतरण कराने के आरोप को नकार दिया है. एसआईटी अब इफ्तिखारुउद्दीन के वीडियो से ज्यादा उसकी लिखी किताबों पर गंभीरता से जांच कर रही है. एसआईटी को लगता है कि वीडियो से ज्यादा इफ्तिखारुउद्दीन की लिखी कितबो में ज्यादा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है.

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कानपुर कमिश्नर रहे सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के मामले में गठित की गई एसआईटी अगले 2 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगी. बयान दर्ज होने के बाद एसआईटी अब उसकी लिखी किताबों को पढ़कर निष्कर्ष निकालने में जुट गई है कि वह किताबों के जरिए कैसे लोगों को बरगला रहा था. बुधवार इफ्तिखारुद्दीन एसआईटी के दफ्तर खुद पहुंचे. एसआईटी ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की. पूछताछ में उन्होंने कानपुर कमिश्नर रहते हुए सामने आए वीडियो को तो स्वीकार किया कि वह वीडियो में मौजूद है लेकिन उसमें धर्मांतरण कराने के आरोप को खारिज कर दिया. एसआईटी के सामने बयान दर्ज करवाने पहुंचे इफ्तिखारुद्दीन अपने साथ अपनी तीन किताबों- शुद्ध धर्म, शुद्ध भक्ति के अलावा अपनी तीसरी किताब, शुद्ध उपासना तथा नमन, भी लेकर पहुंचे.

मिली जानकारी के अनुसार वीडियो से ज्यादा इफ्तिखारुद्दीन की लिखी किताबों में दूसरे धर्म के प्रति नफरत की बातें लिखी गई हैं. किताबों में इस्लाम को सर्वोपरि और दूसरे धर्मों को दोयम दर्जे का बताते हुए इस्लाम के फायदे भी गिनाए हैं. एसआईटी तीसरी किताब शुद्ध धर्म में लिखी बातों को बेहद अहम मान रही है, जिसमें कट्टरता भरे कई घटनाक्रम लिखे गए हैं. एसआईटी इफ्तिखारुद्दीन की तीनों किताबों को उर्दू के जानकारों की मदद से भी समझने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि जल्द एसआईटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप देगी.

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