अगले आम चुनाव के मद्देनजर वीएचपी और बीजेपी, दोनों ही एक बार फिर अयोध्या मामले को गरमाने में लग गए हैं. एक बार जब यह मसला उभर जाएगा, तो इससे वोटों का धु्वीकरण (पोलराइजेशन) होना तय है. वैसे उत्तर प्रदेश पर सभी पार्टियों की निगाहें हैं, जहां सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं.
फैजाबाद और उसके आसपास के जिलों के वीएचपी व बीजेपी नेता स्थानीय लोगों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. गांववालों को समझाने की कोशिश की जा रही है कि जब वीएचपी के सदस्य 84 कोसी परिक्रमा के दौरान उनके गांव से गुजरें, तो उनका भरपूर स्वागत किया जाए.
वीएचपी और बीजेपी की रणनीति है कि जब स्थानीय लोग परिक्रमा करने वालों के चारों ओर मौजूद होंगे, तो पुलिस के लिए उन्हें गिरफ्तार करना मुश्किल हो जाएगा. वीएचपी 25 अगस्त से 84 कोसी परिक्रमा शुरू करने जा रही है. इसके बाद अयोध्या में धार्मिक गतिविधियां तेज की जाएंगी.
वैसे सावन मेला 21 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है. इसके बाद वीएचपी ने एक दमदार अभियान चलाने की योजना बनाई है. देशभर के लोगों से अपील की गई है कि वे 84 कोसी परिक्रमा में साधु-संतों के साथ भागीदारी करें.
दूसरी ओर, अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा पर सूबे की सरकार सख्त हो गई है. स्थानीय प्रशासन ने धारा- 144 लागू कर दी है. प्रशासन ने दूसरे जिलों से आए साधुओं और श्रद्धालुओं को दूसरी जगह चले जाने को कहा है.
प्रशासन ने 6 जिलों में धारा-144 लगा दी है. फैजाबाद और अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. परिक्रमा की यात्रा के रूट पर पड़नेवाले जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है. यात्रा को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
फैजाबाद के अलावा 84 कोसी यात्रा बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर, बहराइच से गुजरेगी. प्रशासन ने परिक्रमा में शामिल होनेवाले की धर-पकड़ शुरू कर दी है. वीएचपी ने अखिलेश सरकार से परिक्रमा की इजाजत देने की मांग की है.