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वायरल टेस्ट: तो क्या वाकई वाराणसी में ‘विकास’ सड़कों पर बहा? जानिए सच

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि  बाजार की सड़कों पर पानी के तेज बहाव के साथ स्कूटी, बाइक और ऑटो रिक्शा बहे जा रहे हैं. साथ ही दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ये तस्वीरें बताती हैं कि वहां कैसी बदहाली है?

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वायरल तस्वीर
वायरल तस्वीर

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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि  बाजार की सड़कों पर पानी के तेज बहाव के साथ स्कूटी, बाइक और ऑटो रिक्शा बहे जा रहे हैं. साथ ही दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ये तस्वीरें बताती हैं कि वहां कैसी बदहाली है?

क्या वाराणसी वाकई इतना खस्ताहाल है कि वहां बाढ़ का पानी बीच शहर में वाहनों को बहा लिए जा रहा है? कहा जा रहा है कि "प्रधानमंत्री मोदी के 4 साल का वाराणसी के सांसद होने के नाते पेश है रिपोर्ट कार्ड, देखो विकास बह रहा है". वीडियो को यही कैप्शन दिया गया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि झमाझम बारिश में बाजार की सड़क पर पानी की तेज धार के साथ कई स्कूटी, बाइक और ऑटो बहते जा रहे हैं. वीडियो को देख कर ऐसा ही लगता है सैलाब बाजार से गुजर रहा है और लोग डर के मारे किनारे पर बस तमाशबीन बने हुए हैं.

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उफनते पानी में वाहनों के बहने का प्रधानमंत्री मोदी और उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी से क्या कनेक्शन है?  ये जानने के लिए इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने 1 मिनट 13 सेकंड के इस वीडियो की बारीकी से पड़ताल की.

पड़ताल में क्या सच सामने आया, वो आप तक पहुंचाने से पहले ये बता दें कि प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों ने कुछ दिन पहले ही अपने 4 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था. ऐसे में वीडियो को पीएम मोदी पर कटाक्ष के मकसद से स्मार्ट सिटी वाराणसी के हैशटेग के साथ शेयर किया जाने लगा.

फैक्ट चेक टीम ने सबसे पहले ये जानने की कोशिश की कि क्या यह वीडियो सच में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का है?  क्या सच में वाराणासी में इस तरह की बारिश हुई और स्कूटी, बाइक, ऑटो तेज़ धार में बह गए?  क्या सच में वाराणसी में इस तरह का बाज़ार है?

सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले वाराणासी का रुख किया गया. वहां इंडिया टुडे संवाददाता से पता चला कि वाराणसी में जबर्दस्त बारिश तो दूर की बात है इस साल मॉनसून के दौरान एक-दो बार बस बूंदा-बांदी ही हुई. संवाददाता से भी पुष्टि हुई कि वीडियो में दिख रहा जैसा कोई बाजार वाराणसी में नहीं है. 

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 अब ये सवाल आया कि अगर वीडियो में दिखने वाले बाजार और सड़कें वाराणसी की नहीं तो फिर कौन से शहर की हैं.

खोजबीन से पता चला कि ये वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का नहीं बल्कि राजस्थान के शहर जोधपुर का है. दरअसल, ये रिकॉर्डिंग पिछले साल 1 जुलाई 2017 को जोधपुर में हुई भारी बारिश के दौरान की है. उस वक्त घंटे भर की बारिश के पूरे शहर की सड़कें तालाब जैसी नजर आने लगी थीं. वाहनों के उनके सवार भी बहने लगे तो आसपास के लोगों ने उन्हें बचाया.

जोधपुर के पुराने इलाकों के बारे में ये कहा जाता है कि वहां जब भी भारी बारिश होती है तो पानी के निकास के पुख्ता इंतजाम नहीं होने की वजह से तालाब जैसे हालात बन जाते हैं. 1 जुलाई 2017 को जोधपुर में भारी बारिश के बाद जो मुश्किल हालात बने थे उस पर ‘आजतक’ ने  रिपोर्ट दिखाई थी, जिसे यहां देखा जा सकता है.

फैक्ट चेक टीम ने वीडियो की सच्चाई का पता लगाने के बाद ये जानने की कोशिश की कि इसे वाराणसी से जोड़कर किसने सबसे पहले फेसबुक पर शेयर किया. पता चला कि ये वीडियो ‘खनक मंसूरी’  नामक फेसबुक प्रोफाइल से सबसे पहले शेयर किया गया था. ‘खनक मंसूरी’ ने फेसबुक प्रोफाइल पर खुद कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता बताते हुए राजस्थान के गंगानगर में रिहाइश की जानकारी दे रखी है.  

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वायरल टेस्ट में वीडियो के प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के होने का दावा झूठा निकला.

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