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यूपी में लव जिहाद के बाद अब VHP का लैंड जिहाद राग, कहा- हटवाएंगे धार्मिक स्थल

वीएचपी का आरोप है कि एक संप्रदाय के लोग सरकारी जमीन पर कब्जा पर धार्मिक स्थल बनाते हैं और देश विरोधी गतिविधि संचालित करते हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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विश्व हिंदू परिषद लव जिहाद के तर्ज पर लैंड जिहाद अभियान चला रहा है. इसके तहत वीएचपी एक धर्म विशेष के धार्मिक स्थलों को हटाएगा. वीएचपी का आरोप है कि एक संप्रदाय के लोग सरकारी जमीन पर कब्जा पर धार्मिक स्थल बनाते हैं और देश विरोधी गतिविधि संचालित करते हैं.

इस बारे में वीएचपी के सह प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र महाराज का कहना है कि एक साजिश के तहत लैंड जिहाद होता है. सरकारी जमीन, पार्क, चौराहे पर मजार बनाकर धार्मिक आयोजन किया जाता है. फिर इसकी आड़ में कीमती जमीनों पर एक धर्म विशेष के लोग कब्जा कर लेते हैं.

सुदर्शन ने आगे कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इस तरह के 2 मामले सामने आ चुके हैं. वीएचपी इस तरह की जमीनों का पता लगाकर प्रशासन और सरकार को जानकारी मुहैया कराएगा. इससे लैंड जिहाद को रोका जा सकेगा. हमें उम्मीद है कि इस अभियान से कई जमीनें भी कब्जा मुक्त हो जाएंगी.

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वहीं, बजरंग दल के एक सदस्य का कहना है हिंदू बाहुल्य इलाकों में एक धर्म विशेष के लोग साजिश के तहत धार्मिक आयोजन करते हैं. फिर यहां धार्मिक स्थल बनाकर बाजार के रेट पर अधिक पैसे का लालच देकर मकान, दुकान या जमीन खरीद लेते हैं. बाद में अपने ही धर्म के लोगों को मकान भी दिलवा देते हैं. इस वजह से इलाकों में विवाद शुरू हो जाता है.

फिलहाल वीएचपी के लैंड जिहाद अभियान का असर मेरठ में देखने मिला. मेरठ के कोतवाली इलाके के मालीपाड़ा इलाके में एक ज्वेलरी व्यापारी ने पुराना मकान इस्माइल नगर के रहने वाले एक धर्म विशेष के व्यक्ति को बेचा. जब इस बात की खबर

वीएचपी को पता लगी तो बीजेपी और हिंदू संगठन के पदाधिकारी पहुंचे. उन्होंने गैर संप्रदाय के व्यक्ति को मकान बेचने का विरोध किया और मकान मालिक से भिड़ गए.

वीएचपी नेताओं का मानना है कि मालीपाड़ा हिंदू बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. यहां अक्सर हिंदू और मुस्लिम के बीच रहन-सहन के अलग तरीकों के कारण विवाद हो जाता है. हालांकि, पुलिस के बीच बचाव के बाद मामला शांत हुआ और धर्म विशेष व्यक्ति ने मकान नहीं खरीदा.

जमीयत उलेमा हिंद के कादरी आमीर आजम का कहना है कि जो लोग इस तरह के विवाद को जन्म दे रहे हैं इससे दो समुदायों के बीच माहौल खराब होगा. धार्मिक स्थल बिना सरकार की इजाजत के नहीं बनाया जा सकता. जबरदस्ती मामलों तूल देकर विवाद बढ़ गया है.

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