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वाराणसीः भीषण गर्मी से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में श्रद्धालुओं का हाल बेहाल, दो दिन में 2 लोगों ने तोड़ा दम

इन दिनों वाराणसी में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है. इस बीच काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. कई श्रद्धालु बीमार पड़ चुके हैं तो 2 दिन में 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई लोगों की तबीयत भी खराब हो गई है
  • श्रद्धालु बोले- शेड की और व्यवस्था होनी चाहिए

वाराणसी में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है. ऐसे में काशी विश्वनाथ के दर्शन करना श्रद्धालुओं के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. आसमान से बरसते अंगारे और तवे सी तपती जमीन लोगों के जानलेवा साबित होने लगी है. आलम ये है कि पिछले 2 दिनों में काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए आने वाले 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों की गर्मी की वजह से तबीयत खराब हो गई है.

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मौसम की मार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने उभरी है. सर्दियों के मौसम में मंदिर परिसर में सुरक्षाकर्मियों और दर्शनार्थियों को बर्फ की सिल्ली पर चलने जैसा एहसास हुआ. इससे निपटने के लिए खुद पीएम मोदी ने तोहफे के रूप में जूट की चप्पलें भिजवाईं, लेकिन अब भीषण गर्मी का सितम इस कदर है कि पिछले दो 2 दिनों में 2 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

बीते रविवार को कर्नाटक के बेलगाम की 57 वर्षीय आशा देवी की तबीयत दर्शन के दौरान गर्मी के कारण बिगड़ गई. उन्हें मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके ठीक एक दिन पहले शनिवार को आंध्र प्रदेश के 75 वर्षीय अल्लापार्ती चंद्रबोस की भी मौत कुछ इसी तरह हो गई थी, जबकि पिछले कुछ दिनों से गर्मी के कारण दर्शनार्थियों की तबियत बिगड़ने का सिलसिला जारी है.

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कॉरिडोर में गर्मी से एक बच्ची की तबियत खराब हो गई

गर्मी से परेशान श्रद्धालु ये बोले 

अजमेर से आए श्रद्धालु ओमप्रकाश ने Aajtak.in को बताया कि गर्मी से चक्कर आने लगा है. सिर्फ मंदिर के अंदर ही गर्मी से निपटने के लिए थोड़ी व्यवस्था है, लेकिन बाहर की तरफ कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं. वहीं कुछ श्रद्धालु गंगा घाट के रास्ते नंगे पांव आते दिखे. उन्हीं में से एक कर्नाटक से आए दल के तीर्थयात्री शिवयोगी ने बताया कि वाराणसी में तो कर्नाटक से भी ज्यादा गर्मी है. महिलाओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, देवरिया से आए अंजनी तिवारी की छोटी बच्ची की तबियत कॉरिडोर के गेट पर ही बिगड़ गई. अंजनी तिवारी ने बताया कि गर्मी की वजह उनकी बच्ची की तबियत बिगड़ गई. 

मुंबई से आए राजेश मौर्या ने बताया कि धूप से बचने के लिए शेड की और व्यवस्था होनी चाहिए. गंगा घाट से आने पर छांव की कोई व्यवस्था नहीं है. जमीन पर चलना तक मुश्किल हो रहा है. पटना से आईं वर्षा ने भी बताया कि गर्मी से बचने के लिए और इंतजाम करने चाहिए. मेडिकल की भी व्यवस्था होनी चाहिए. ज्यादा समस्या छोटे बच्चों और बूढ़ों को हो रही है. पटना से ही आए राहुल रंजन ने भी बताया कि गर्मी के चलते मैट को गीला किया जाना चाहिए. क्योंकि धूप के कारण इस पर चलना मुश्किल हो रहा है, साथ ही शेड्स भी बढ़ाना चाहिए. 

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जल्द ग्लूकोज के पैकेट बांटे जाएंगे


विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि बीते 2 दिन में दोनों ही मौतें कॉरिडोर के बाहर हुई हैं. ये दोनों लोग दर्शन करने जरूर आए थे, लेकिन उनकी मौत कॉरिडोर में नहीं हुई है. लगभग डेढ़ लाख लोग दर्शन करने के लिए लंबा सफर तय करके आ रहे हैं. गर्मी के चलते मैट को भी डबल-ट्रिपल लेयर करके बिछाया जा रहा है. गैलरी में बैठने और पेयजल की भी व्यवस्था की गई है. ज्यादा शेड्स या कैनोपी को नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि हवा और आंधी में इससे श्रद्धालु चोटिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक मेडिकल कैंप की व्यवस्था है, तो उसे जल्द शुरू किया जाएगा और मंदिर प्रशासन अपने खर्च पर ओआरएस और ग्लूकोज के पैकेट भी बांटना शुरू करेगा.

 

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