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वृंदावन की विधवाओं ने हेमा मालिनी से टिप्पणी वापस लेने की मांग की

बिहार और पश्चिम बंगाल की विधवाओं ने बीजेपी सांसद हेमा मालिनी से कथित बयान को वापस लेने की मांग की है और कहा कि वे वृंदावन घूमने-फिरने के लिए नहीं बल्कि ‘मुक्ति’ के लिए आयीं हैं.

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बिहार और पश्चिम बंगाल की विधवाओं ने बीजेपी सांसद हेमा मालिनी से कथित बयान को वापस लेने की मांग की है और कहा कि वे वृंदावन घूमने-फिरने के लिए नहीं बल्कि ‘मुक्ति’ के लिए आयीं हैं.

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हेमा मालिनी ने अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा के वृंदावन के बारे में इसी महीने की 16 तारीख को कहा था कि वहां बिहार और पश्चिम बंगाल की विधवाओं को भीड़ नहीं लगानी चाहिए, वृंदावन में 40 हजार विधवाएं हैं तथा वहां और अधिक के लिए स्थान नहीं है.

वृंदावन के पांच आश्रमों में रहने वाली 50 विधवाओं का समूह इन दिनों स्वयं सेवी संगठन सुलभ इंटरनेशनल के तत्वाधान में बिहार और पश्चिम बंगाल के धार्मिक स्थलों के भ्रमण के लिए आया है.

पति के देहांत के बाद पिछले 15 सालों से वृंदावन में रह रही मध्यप्रदेश निवासी मंडलोई ने कहा कि हेमा की बातों से उन्हें ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से दुनियावी जीवन से अलग हो चुके और अपने को भगवान को समर्पित कर रहे लोगों के लिए क्या वृंदावन, मथुरा और वाराणसी जैसी कोई अन्य जगह हो सकती है.

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महाराष्ट्र निवासी अंजना गोस्वामी ने कहा कि वृंदावन में भगवान कृष्ण के लिए भजन-कीर्तन कर विधवाएं संतुष्ट महसूस करती हैं. पटना में जन्मी कौशल्या देवी (70) और ओडिशा से आरती मिस्त्री ने हेमा मालिनी की कथित टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए कहा कि वे परंपरागत ‘मधुकारी’ का पालन कर रही हैं. उन्होंने बताया कि मधुकारी एक घर से पूरा भोजन ग्रहण नहीं करते बल्कि घर-घर जाकर थोड़ा-थोड़ा भोजन एकत्रित करते हैं जिससे कि घर वालों को परेशानी नहीं होती है.

वृंदावन में विधवाओं के उपेक्षित रहने पर सुप्रीम कोर्ट के वेदना प्रकट किए जाने के बाद 2012 में सुलभ इंटरनेशनल ने हस्तक्षेप करते हुए वहां के विभिन्न आश्रमों में रह रहीं करीब एक हजार विधवाओं की देखभाल शुरू की. सुलभ इंटरनेशनल की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया कि उनका संगठन वृंदावन में रह रही विधवाओं को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा और एंबुलेंस उपलब्ध कराने के साथ उनमें से प्रत्येक को भोजन और अपनी देखभाल के लिए प्रति माह दो हजार रुपये उपलब्ध कराता है.

उन्होंने बताया कि सुलभ ने इन महिलाओं की अतिरिक्त आय के लिए कपड़ा सिलाई और मोमबत्ती बनाने के केंद्र खोले हैं. विधवाओं का यह समूह दशहरा पर्व के दर्शन के लिए गुरुवार को पटना से कोलकाता रवाना होगा. इस समूह में शामिल 95 वर्षीय कनक लता देवी अपने पूर्वजों की धरती कोलकाता 40 सालों के बाद जा रहीं हैं.

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वर्मा ने बताया कि पश्चिम बंगाल की यात्रा के दौरान ये महिलाएं वहां के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से भेंट करेंगी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोलकाता की यात्रा के दौरान इन महिलाओं को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी समस्या बताते का अवसर प्राप्त हो सकेगा.

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