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मोदी की काशी से छिना व्यास महोत्सव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी को संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र बनाना चाहते हैं. वहां के घाटों से लेकर पर्यटन तक को विकसित करने की योजनाएं बना रहे हैं, लेकिन संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘व्यास महोत्सव’ की मेजबानी वाराणसी से छिन गई है. यह महोत्सव अब इलाहाबाद में होगा.

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वाराणसी से इलाहाबाद
वाराणसी से इलाहाबाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी को संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र बनाना चाहते हैं. वहां के घाटों से लेकर पर्यटन तक को विकसित करने की योजनाएं बना रहे हैं, लेकिन संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘व्यास महोत्सव’ की मेजबानी वाराणसी से छिन गई है. यह महोत्सव अब इलाहाबाद में होगा.

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व्यास जयंती पर प्रतिवर्ष राज्य सरकार के उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से व्यास महोत्सव कराया जाता है. वर्ष 2007 से लगातार यह आयोजन काशी में होता आ रहा है लेकिन इस वर्ष का महोत्सव दिसंबर में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कराने की तैयारियां चल रही हैं. यह पहला मौका है जब महोत्सव काशी से प्रयाग शिफ्ट किया जा रहा है.

महोत्सव में वेद-पुराणों पर गोष्ठियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं होती हैं. इसमें देश के चुनिंदा व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संस्कृत विद्वान शामिल होते हैं. इसका बजट करीब 15 लाख रुपये तक रहता है.

संस्थान के पदाधिकारी बताते हैं कि 2013 में वाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन से महोत्सव आयोजन स्थल के किराए को लेकर मामूली कहासुनी हो गई थी, इसके बाद इसे बीएचयू में कराया गया.

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