वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों पर उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सफाई दी है. रिजवी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए साजिशन उन्हें इस केस में फंसाने का दावा किया है.
वसीम रिजवी ने दावा किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के कंकरखेड़ा की वक्फ संपत्ति से जुड़े केस पर निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. रिजवी ने बताया कि शिया वक्फ के संबंध में मेरे खिलाफ झूठे आरोपों पर संपत्ति लूटने वालों ने केस दर्ज कराया था, जिसके बाद दबाव डालकर चार्जशीट फाइल कराई गई.
रिजवी का कहना है कि चार्जशीट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए हमारे प्रामाणिक अनुरोध को स्वीकार किया है और साफ तौर पर लिखा है कि 'मुकदमे से जुड़े तथ्य ये साफ करते हैं कि वादी (वसीम रिजवी) का नाम मुकदमे में खींचा गया है. रिजवी ने बताया कि इस केस में FIR कर उन्हें और वक्फ बोर्ड चेयरमैन को बदनाम करने की साजिश रची गई.
वसीम रिजवी ने पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने सतही रूप से जांच कर चार्जशीट दाखिल की. बता दें कि वसीम रिजवी लगातार मदरसों और बाबरी मस्जिद के खिलाफ बयानबाजी से विवादों में हैं. रिजवी के विरोधी अक्सर उन पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाते रहे हैं.