उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू बन गए हैं. आज गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में शामिल कराया. वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं.
वसीम रिजवी ने इस मौके पर कहा, ''धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं. सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते. हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, हमको खुद शर्म आती है.''
त्यागी बिरादरी में होंगे शामिल
वसीम रिजवी ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह सोमवार को इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होंगे. इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे.
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने ऐलान किया था कि वह इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि डासना की देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल करवाएंगे.
वसीयत को लेकर थे चर्चा में
बता दें कि पिछले ही दिनों वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत सार्वजनिक की थी. इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए. वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें. वसीम रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए.
कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग की थी
इस्लाम में रिफॉर्म में मांग कर चुके वसीम रिजवी अपने बयानों और गतिविधियों की वजह से चर्चा में रहते हैं. उनका दावा है कि इस वजह से उन्हें कई बार धमकियां भी मिल चुकी है. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर अदालत में सुनवाई हुई लेकिन उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया. इसके बाद से वसीम रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने खड़े किए सवाल?
अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता एमआर शमशाद ने पूछा है कि क्या वसीम रिजवी और उनका धर्म परिवर्तन करने वाले पुजारियों ने जिला प्रशासन को Anti Conversion Law के तहत एक महीने का नोटिस दिया था? अगर वो इस प्रक्रिया का पालन नहीं किए हैं तो क्या उनके खिलाफ एक्शन होगा?
उन्होंने कहा कि यदि यूपी का नया कानून एक धर्म के खिलाफ नहीं है तो उनकी गिरफ्तारी जरूरी है. जैसे नए कानून के तहत कलीम सिद्दीकी और उमर गौतम समेत मुसलमानों की सामूहिक गिरफ्तारी हुई है. वहीं, इस पर स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि हमने कोई नोटिस किसी को नहीं दिया है और ना वसीम रिजवी ने दिया है. इसकी जरूरत उसे हो, जो समझदार ना हो. वसीम रिजवी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं, वो समझदार हैं. ये मुद्दा वो उठा रहे हैं, जो बौखला चुके हैं.