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UP: 214 करोड़ का टेंडर-9 करोड़ 72 लाख की ठगी, जानिए- यूपी के पशुपालन घोटाले की पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के पशुपालन घोटाले का मास्टरमाइंड आजमगढ़ का रहने वाला आशीष राय था. आशीष के साथ पशुधन राज्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित और निजी सचिव धीरज देव समेत कई लोग शामिल थे, जिसने टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की जालसाजी की थी और अब उन पर शिकंजा कसा जा रहा है.

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लखनऊ के थाने में दर्ज किया गया मामला (प्रतीकात्मक फोटो)
लखनऊ के थाने में दर्ज किया गया मामला (प्रतीकात्मक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की जालसाजी
  • पशुपालन घोटाले में आरोपियों पर कसा शिकंजा

214 करोड़ का टेंडर... 9 करोड़ 72 लाख की ठगी, उत्तर प्रदेश में पशुपालन घोटाले ने पूरी सरकार और अफसरशाही की नींद उड़ा कर रख दी थी. साल 2018 में सामने आए इस स्कैम में कई बड़े अधिकारी भी इसके लपेटे में आ गए. इस कांड को लेकर यूपी में एक बार फिर चर्चा गरम है क्योंकि नई सरकार के गठन से पहले ही पुलिस ने निलंबित डीआईजी (पीएसी) अरविंद सेन और मास्टर माइंड सहित 21 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. 

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कैसे हुआ था पशुपालन घोटाला?

साल 2018 में उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में 214 करोड़ रुपये की कीमत के आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर यह घोटाला हुआ था. इंदौर के रहने वाले व्यापारी मनजीत भाटिया से जालसाजों ने इस टेंडर को दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. दरअसल ठगी के इस खेल में टेंडर के नाम पर पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया था. इसका मास्टरमाइंड आजमगढ़ का रहने वाला आशीष राय था.

आशीष के साथ पशुधन राज्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित और निजी सचिव धीरज देव समेत कई लोग शामिल थे. सभी ने मिलीभगत कर मनजीत भाटिया से पैसे ले लिए और फिर फर्जी टेंडर लेटर भी थमा दिया. जब व्यापारी मनजीत भाटिया को ठगी की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने रुपये वापस करने की बात कही लेकिन अपनी पहुंच के नशे में चूर आरोपियों ने उल्टे उनको धमकाना शुरू कर दिया. कोई रास्ता न देख मनजीत इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. जिसकी जांच हुई तो आरोप सही पाए गए और 13 जून 2020 को मनजीत भाटिया की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई. 

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कैसे फंस गए डीआईजी साहब?

मामले की जांच का जिम्मा एसीपी गोमती नगर को सौंपी गया. जिसमें पाया गया कि तत्कालीन डीआईजी पीएसी अरविंद सेन ने ठगी के शिकार व्यापारी को एसपी सीबीसीआईडी रहते हुए अपने दफ्तर में बुलाया और धमकाया. अरविंद सेन का नाम सामने आने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया. 

कितने लोगों को भेजा जा चुका है जेल?

लखनऊ पुलिस अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड आशीष राय, मोंटी गुर्जर, रूपक राय, संतोष राय, एके राजीव, अमित मिश्रा, उमाशंकर तिवारी, रजनीश दीक्षित, डीबी सिंह, अरुण राय, अनिल राय, धीरज कुमार, उमेश मिश्रा, महेंद्र तिवारी, लोकेश मिश्रा, प्रवीण राघव, दिलबहार यादव,सुनील गुर्जर, तिरुपुरेश पांडेय, रघुवीर प्रसाद, सचिन वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. वहीं पुलिस ने अब जेल में बंद निलंबित डीआईजी अरविंद सेन समेत सभी 21 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कर ली है. 

 

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