दिवाली के मौके पर समाजवादी पार्टी में मचा घमासान भले ही कुछ थमा हुआ दिख रहा हो और चाचा भतीजे के बीच त्योहारों की वजह से सीजफायर चल रहा हो लेकिन संधि तो बिल्कुल नहीं हुई है.
यह बात उस समय साफ हो गई जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ के मोहनलालगंज में एक स्कूल में धनतेरस के मौके पर बच्चों को थाली गिलास बांटने पहुंचे. मिड डे मील स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के एक करोड़ बच्चों को थाली और गिलास बांटेगी.
इस स्कीम की घोषणा करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब बोलने पहुंचे तो उन्होंने कहा की बीजेपी के नेता सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि इसका कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब ज्यादातर लोग जानते ही नहीं. उन्होंने कहा कि खुद उनको इसका मतलब तब पता चला जब इसका अर्थ डिक्शनरी में ढूंढा और गूगल किया. और उसके बाद मुस्कुराते हुए अखिलेश यादव ने एक तीर और चला दिया. अखिलेश ने कहा कि जब अखबारों ने लिखना शुरू किया कि मुख्यमंत्री ने भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी तब इसका अर्थ सही मायने में समझ में आया.
अखिलेश यादव का इशारा शिवपाल समेत उनके करीबी तीन मंत्रियों को झटके से मंत्रिमंडल से बाहर निकाल देने पर था. हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि दीपावली के समय समाजवादी पार्टी के समर्थकों के लिए दो त्योहार और हैं. एक 3 नवंबर से शुरू होने वाली अखिलेश यादव की रथयात्रा और दूसरा 5 नवंबर को होने वाला भव्य समारोह जिसमें समाजवादी पार्टी अपने 25 साल के होने का उत्सव मनाएगी.
अखिलेश यादव ने अभी तक जो योजना बनाई है उसके हिसाब से वह 3 नवंबर को अपना रथ लेकर निकलेंगे लेकिन 4 तारीख को वापस लखनऊ आ जाएंगे ताकि 5 नवंबर को होने वाले समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में भाग ले सकें.