7 दिन से पूरा देश सुन रहा है. देख रहा है कि कैसे एक सपने से शुरू हुआ किस्सा आज देश विदेश में सुर्खियां बन रहा है. हजार टन सोने की खोज में भारत सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा देती है लेकिन क्या आपको इस पूरी खबर को जन्म देने वाले शोभन सरकार के बारे में मालूमात है.
आखिर कौन हैं वो, क्यों वो एक रहस्य बने हुए हैं? क्यों उनकी तस्वीर सामने नहीं आती? कौन है हजार टन के सोने के सपने वाला साधु ? कौन है वो जिसने 125 करोड़ के देश को दिन में सपने देखने पर मजबूर कर दिया है? कौन है वो साधु जिसके कहने पर भारत की सरकार ने खुदाई का फैसला कर लिया? ना प्रधानमंत्री ने उस साधु का चेहरा देखा है. ना देश ने. कैमरे पर आजतक उनका चेहरा कैद नहीं हुआ और ना किसी टेप पर उनकी आवाज रिकॉर्ड हुई है.
साधु का नाम है परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार. इनकी उम्र करीब 65 साल मानी जाती है. हैरानी की बात ये है कि किसी आम साधु की तरह इनके माथे पर तिलक नहीं होता. ना चंदन के त्रिपुंड बने होते हैं और तो और बाबा के चेहरे पर दाढ़ी भी नहीं होती. बाबा क्लीन शेव रहते हैं.
कपड़े के नाम पर वह सिर पर साफा बांधते हैं. गेरुए रंग की लंगोट पहनते हैं. सिर पर चादर बांधते हैं और बदन पर अंगवस्त्र होता है.
शोभन सरकार हमेश से इस गांव में नहीं रहे हैं. गांववाले बताते हैं कि शोभन सरकार के आने से से पहले गांव में रघुनंदन दास नाम के साधु रहते थे. अपनी समाधि के वक्त रघुनंदन दास ने कहा कि उनके जाने के बाद गांव में एक चमत्कारी युवा आएगा. फिर 40 साल पहले करीब 16 साल की उम्र में गांव में आए परमहंस स्वामी विरक्तानंद, जिनके चमत्कार देखकर गांववालों ने उन्हे वहां रुकने का अनुरोध किया. आग्रह को वह मान गए. और इन्हें गांव के लोग प्यार से शोभन सरकार कहने लगे.
बताया जाता है कि इनका जन्म कानपुर देहात के शुक्लन पुरवा में हुआ था. पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था. कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था. शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं. यही वजह है कि गांववाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे हैं. शोभन भगवान राम और हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त हैं. बताया जाता है कि उन्होंने राम और हनुमान के कई मंदिरों का निर्माण भी करवाया है.