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CBI ने अब तक टेक ओवर नहीं किया मनीष मर्डर केस, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक सीबीआई ने मामले को टेक ओवर नहीं किया है.

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मनीष गुप्ता और उनकी पत्नी
मनीष गुप्ता और उनकी पत्नी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीबीआई ने अब तक नहीं शुरू की जांच
  • गोरखपुर में मनीष गुप्ता की हुई थी संदिग्ध मौत

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक सीबीआई ने मामले को टेक ओवर नहीं किया है. कानपुर के रहने वाले कारोबारी की तब मौत हो गई थी, जब वह अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे. इस दौरान पुलिस उनके कमरे में दाखिल हुई और फिर उस पर मनीष के साथ मारपीट करने का आरोप लगा. 

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सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को जानकारी दी है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मामले को टेक ओवर इसलिए नहीं किया है, क्योंकि एजेंसी को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) से नोटिफिकेशन नहीं मिला है. सीबीआई को किसी भी मामले में टेकओवर करके एफआईआर दर्ज करने के लिए इसकी जरूरत होती है.

सीबीआई द्वारा किसी भी राज्य सरकार की सिफारिश पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया के अनुसार, राज्य सरकार को मामला दर्ज करने के लिए एजेंसी से अनुरोध करते हुए डीओपीटी, भारत सरकार को एक अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी करके भेजनी होती है. इसके बाद डीओपीटी सीबीआई को अधिसूचना भेजकर उन्हें जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश देता है. सीबीआई को अधिसूचना मिलने के बाद, एजेंसी राज्य पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई प्राथमिकी को फिर से दर्ज करती है और जांच अपने हाथ में लेती है.

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हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने डीओपीटी को एक अधिसूचना भेजकर मनीष गुप्ता की मौत के मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया है या नहीं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंपा जा रहा है.

मनीष गुप्ता के पास एमबीए डिग्री थी और पहले एक निजी बैंक में बैंक मैनेजर के रूप में काम कर चुके थे. मनीष के परिवार में पत्नी मीनाक्षी और चार साल का एक बच्चा है. दंपति ने पांच साल पहले शादी की थी और काम के लिए नोएडा चले गए थे. हालांकि, कोविड -19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान वे वापस कानपुर चले गए.

पुलिसकर्मियों पर मनीष की पिटाई करने का आरोप लगा था. इसके जवाब में पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि होटल में संदिग्ध लोग रह रहे थे. वे सोमवार रात होटल के उस कमरे में दाखिल हुए जहां मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे.

पुलिस ने दावा किया कि जब वे तीनों से पूछताछ कर रहे थे, तो मनीष गुप्ता नशे में होने के कारण जमीन पर गिर गया और सिर में चोट लग गई. पुलिस ने दावा किया कि उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि, पीड़ित परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों द्वारा हमला किए जाने के बाद मनीष गुप्ता की मौत हो गई. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने भी पुलिस और होटल स्टाफ पर मामले को छिपाने का आरोप लगाया है.

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