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UP: मैनपुरी सीट पर सपा की विरासत बचा पाएंगी डिंपल यादव? जानें क्या है पूरा समीकरण

मैनपुरी में कुल 5 विधानसभा सीटे हैं. जिनमें करहल और जसवंत नगर की सीट भी आती है. इन पर फिलहाल अखिलेश यादव और शिवपाल यादव विधायक के तौर पर काबिज हैं. इन सीटों पर लगभग 17 लाख मतदाता हैं.

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डिंपल यादव
डिंपल यादव

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के लिए परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए साख का सवाल है. वहीं बीजेपी भी इस चुनाव को मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है. इस बीच चुनावी समर में डिंपल यादव के प्रत्याशी के तौर पर उतरने के बाद समाजवादी कुनबा उनको जीत दिलाने की तैयारियों में लग गया है. आजतक की टीम मैनपुरी लोकसभा सीट पहुंची, जहां मतदाताओं समेत नेताओं का रुख जानने की कोशिश की गई.

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दरअसल, मैनपुरी में कुल 5 विधानसभा सीटे हैं. जिनमें करहल और जसवंत नगर की सीट भी आती है. इन पर फिलहाल अखिलेश यादव और शिवपाल यादव विधायक के तौर पर काबिज हैं. इन सीटों पर लगभग 17 लाख मतदाता हैं, जिसमें यादव 4.25 लाख, शाक्य 3.15 लाख, ठाकुर 2.50, ब्राह्मण 1.25, दलित 1.50 लाख, लोधी 1 लाख, वैश्य 70000 और मुस्लिम 45000 की संख्या में है. मैनपुरी मुलायम सिंह यादव का गढ़ है और 2014 और 19 के चुनाव में वह यहां से सांसद रहे उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए डिंपल यादव को सपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.

डिंपल यादव बड़ी जीत दर्ज करेंगी- पूर्व एमएलसी

आजतक से बात करते हुए मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले नत्थू सिंह के पुत्र व पूर्व एमएलसी सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि नेताजी की विरासत और समाजवादी पार्टी के मूल्यों पर चलते हुए डिंपल यादव क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल करेंगी. यह बात जरूर है कि नेताजी के दौर और आज के समाजवाद के दौर में बदलाव हुआ है. लेकिन युवा और मैनपुरी की जनता हमेशा से नेताजी के साथ रही है. ऐसे में डिंपल यादव न सिर्फ बहू के तौर पर बल्कि एक प्रत्याशी के तौर पर भी जीत हासिल करेंगे लेकिन बीजेपी इस बार चुनौती में जरूर है.

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शिक्षक और छात्रों ने दी ये प्रतिक्रिया

मैनपुरी लोकसभा में एक करहल की सीट आती है, जहां के जैन इंटर कॉलेज में मुलायम सिंह ने पढ़ाई करने के साथ-साथ प्रवक्ता के तौर पर अपनी नौकरी भी की. जनता कॉलेज में आज भी शिक्षक और छात्र नेताजी को याद करते हैं और बताते हैं कि डिंपल यादव से बेहतर कोई और प्रत्याशी इस सीट पर नहीं हो सकता था. कॉलेज के प्रधानाचार्य वाई एन दुबे ने कहा यादव परिवार ने जैन इंटर कॉलेज को बनाया और यहां के लोग विकास से सिर्फ मुलायम सिंह यादव को जनता है.

पूरा समर्थन डिंपल यादव को: तेज प्रताप यादव

वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के सांसद रहे परिवार के बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैनपुरी की जनता ने हमेशा नेताजी का साथ दिया और इस बार भी पूरा समर्थन डिंपल यादव को मिलेगा. शिवपाल यादव की तल्खी पर कहा कि इस चुनाव में चाचा शिवपाल भी परिवार के साथ हैं और जीत का मार्जन पिछली बार से दुगना होने जा रहा है. भाजपा की मशीनरी हर चुनाव में प्रशासन का दुरुपयोग करती है और अभी से ही मैनपुरी में कार्यकर्ता और प्रतिनिधियों को धमकाने के साथ-साथ नोटिस देने का काम किया जा रहा है लेकिन इनमें से कोई भी हथकंडा सपा की इस परंपरागत सीट को झटकने में कामयाब नहीं होगा.

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क्या कहती है मैनपुरी की जनता

मैनपुरी लोकसभा की जनता ने भी इस चुनाव को नेताजी का चुनाव बताया है, सैफई के लोग जो हाल में ही नेता जी के देहांत के बाद क्षेत्र की जिम्मेदारी अखिलेश यादव के कंधों पर मानते हैं और कहते हैं कि सीट पर परिवार का कोई भी व्यक्ति उतरे जीत उसी की होगी. लोगों का मानना है कि क्षेत्र का विकास नेता जी ने किया और यहां की सियासी समीकरण भी समाजवादी पार्टी के तरफ ही नजर आते है हालांकि बीजेपी चुनौती देने का काम कर रही है. 

बीजेपी भी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी

दूसरी तरफ बीजेपी का कुनबा भी पूरी तरीके से मैनपुरी के उपचुनाव में लग गया है. मैनपुरी सदर से विधायक और सरकार के मंत्री जयवीर सिंह ने आज तक से बात करते हुए कहा कि अब समय नेताजी का नहीं रहा और मैनपुरी के लोग बीजेपी को जिताने के लिए आतुर है. मंत्री ने कहा कि पिछले चुनाव में भी नेताजी का जीत का आंकड़ा 94 हजार तक सीमित हुआ जो इस बार के चुनाव में हार से खत्म होगा. लगातार बीजेपी उपचुनाव में पारदर्शिता के साथ जीत रही है और मैनपुरी में भी पारिवारिक राजनीति से उठकर लोग बीजेपी के विकास और सुशासन पर वोट करेंगे.

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बीजेपी के जिला अध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि एक समय में सपा का बूथ पर कब्जा करना, वोटों की धांधली और लोगों को धमकाना मैनपुरी में आम हुआ करता था लेकिन अब अभी चुनाव पारदर्शी होते हैं और बीजेपी भी मजबूत प्रत्याशी के साथ इस चुनाव में पूरी चुनौती के साथ उतर रही है. नेताजी का समय था जब लोग परिवार को वोट करते थे लेकिन अब परिवार की विरासत खत्म हो गई है और विकास और योजनाओं के आधार पर ज्यादा वोट कर रही है.

सपा की प्रतिष्ठा का सवाल बनी मैनपुरी सीट

जहां इस चुनाव में डिंपल यादव के उतरने से मैनपुरी सीट अब सपा की प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. वहीं बीजेपी की तैयारी है कि इस सीट पर शाक्य प्रत्याशी को लड़ाकर शाक्य के साथ ठाकुर ब्राह्मण और दलित वोट को साधते हुए सीट पर जीत दर्ज की जाए. मैनपुरी चुनाव के लिए प्रदेश संगठन को भेजी गई सूची में प्रेम सिंह शाक्य, जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान, प्रेमपाल, सतीश पाल और रघुराज शाक्य के नाम शामिल है. सपा के डिंपल यादव के ऐलान के बाद मैनपुरी में बीजेपी कड़ा कैंडिडेट उतारने की तैयारी में हैं.

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