बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी शुक्रवार 22 नवंबर को लखनऊ में थे. उनकी इस लखनऊ यात्रा को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. यात्रा को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसे स्वामी के सियासी पड़ाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
स्वामी के करीबी लोगों का कहना है कि वे एक गोपनीय राजनीतिक मिशन पर लखनऊ आए थे, जिसमें तीन-चार जगहों पर जाने के बाद वह दिल्ली लौट गए. इस दौरान वह जिस किसी से भी मिलने गए, अकेले ही गए. उनके साथ चल रहे लोग बाहर ही गाड़ी में बैठे इंतजार करते दिखे. इस यात्रा में स्वामी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण सहित संघ के कुछ अन्य लोगों से मुलाकात की.
क्षेत्र प्रचारक के साथ लगभग एक घंटा अकेले में उनकी वार्ता हुई. इसके बाद स्वामी महानगर स्थित एक मकान पर गए और वहां भी किसी से लगभग आधा घंटा अकेले में बातचीत की. अटकलें लग रही हैं कि स्वामी ने इस दौरान मोदी के लखनऊ से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर कुछ लोगों से विचार-विमर्श किया.
हालांकि बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि स्वामी की गांधी परिवार से सियासी दुश्मनी जगजाहिर है, लिहाजा पार्टी के भीतर चर्चा है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार बनाया जा सकता है. संघ और बीजेपी के नेता स्वामी को रायबरेली से उतारकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को घेरने के मुद्दे पर एकमत हैं.