देश-विदेश में उत्तर प्रदेश की छवि सुधारने की अखिलेश यादव सरकार की कवायद को धक्का लगा है. प्रदेश में लगातार बढ़ रही बलात्कार, हत्याएं और लूट की खबरों के चलते देश-विदेश की महिला खिलाडिय़ों ने यहां आने से इंकार कर दिया है.
राजधानी लखनऊ में शनिवार 20 अप्रैल से शुरू हुए इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन ‘आइटीएफ वीमेन फ्यूचर्स टूर्नामेंट’ से 102 खिलाडियों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिनमें से 68 विदेशी हैं. यूपी टेनिस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष जे.एस. कौल कहते हैं कि आइटीएफ वीमेन फ्यूचर्स टेनिस टूर्नामेंट में भाग न लेने वाली विदेशी खिलाडिय़ों में ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, फ्रांस, थाईलैंड, यूक्रेन, सर्बिया, रूस, चीन, जापान, ब्रिटेन और जर्मनी की हैं.
यही नहीं लखनऊ के अवध जिमखाना में हो रहे इस टूर्नामेंट में जितनी भी महिला खिलाड़ी पहुंची हैं उनके साथ मां, पिता या भाई भी हैं. बड़ी संख्या में नाम वापस लेने से अब यह प्रतियोगिता केवल 37 खिलाडियों के बीच शुरू हुई. 22 अप्रैल से शुरू होने वाले मुख्य क्वालिफाइंग राउंड में केवल 13 खिलाड़ी ही हिस्सा लेंगी.
हालांकि पुलिस महानिदेशक देवराज नागर बताते हैं कि महिला खिलाडियों की असुरक्षा की बात पूरी तरह निराधार है. हो सकता है कि उनके न आने की और वजहें रही हों. अगर ऐसी कोई आशंका होती तो टूर्नामेंट के आयोजकों को पुलिस विभाग को बताना चाहिए था. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जैसा महौल बनाया जा रहा है वैसा कुछ भी नहीं है. नागर कहते हैं ‘लखनऊ में पिछले दिनों हॉकी सहित कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में देश के विभिन्न हिस्सों से खिलाड़ी आए थे जिनमें कई महिला खिलाड़ी भी थीं.’