उत्तर प्रदेश के यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज कर दी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिसे अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी थी. शीर्ष कोर्ट ने न सिर्फ यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी, बल्कि यह भी कहा कि वह यह समझने में असमर्थ है कि यूपी सरकार इस बारे में इतनी चिंतित क्यों है.
कपिल सिब्बल कर रहे थे UP सरकार की पैरवी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक यह मामला सीबीआई को सौंपे जाने के लिए पूरी तरह योग्य है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि अगर वह कोर्ट की निगरानी में जांच चाहती है तो वह हाई कोर्ट में अपील कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल रख रहे थे. उन्होंने कोर्ट से कहा कि सीबीआई पहले ही कई मामलों की जांच के बोझ तले दबी हुई है.
इससे पहले सीबीआई ने अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के नोएडा स्थिति घर और नोएडा अथॉरिटी में छापेमारी की थी . सीबीआई ने यादव सिंह पर शिकंजा कसते हुए उसके कई और ठिकानों पर छापेमारी की थी और उसके रिश्तेदारों से पूछताछ की थी.