यमुना अथॉरिटी ने विश्वविद्यालय के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार को 27.5 एकड़ जमीन का आवंटन किया. यह शहर में नौवीं यूनिवर्सिटी होगी. यह संस्थान 450 करोड़ का निवेश करेगा. इससे करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा.
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) से नोएडा और ग्रेटर नोएडा को यूनिवर्सिटी सिटी का दर्जा हासिल हो चुका है. अब यह नई यूनिवर्सिटी यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसाई जाएगी.
इस यूनिवर्सिटी को बसाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से जमीन की मांग रखी गई थी, जिसे यमुना प्राधिकरण ने स्वीकार कर आवंटन कर दिया है. गौतमबुद्ध नगर जिले में यह 9वीं यूनिवर्सिटी होगी. इससे पहले ग्रेटर नोएडा में छह और नोएडा में दो विश्वविद्यालय चल रहे हैं.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में नर्सी मोंजी यूनिवर्सिटी के प्रवर्तक संगठन श्री विले पार्ले केलवानी मंडल ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन मांगी थी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पहले 53 एकड़ जमीन मांगी थी, फिर संस्थान ने कम जमीन के लिए आवेदन किया. 27.5 एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया गया है. यह संस्था अभी मुंबई में कई कॉलेज और डीम्ड यूनिवर्सिटी का संचालन कर रही है.
बता दें कि 1981 में उत्तर स्थापित हुई ये यूनिवर्सिटी विश्व स्तर पर एक बड़ी संस्थान के नाम पर उभर कर सामने आई है. ऐसा पहली बार होगा जब नर्सी मूंजी यूनिवर्सिटी मुंबई से पहली बार बाहर कदम रखेगी और यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापना करेगी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सबसे पहले विकास कार्यों में गलगोटिया यूनिवर्सिटी और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी शामिल हैं. बता दें कि गौतमबुद्ध नगर जिले में 8 विश्वविद्यालय चल रहे हैं.