यमुना एक्सप्रेसवे केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत 21 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में मामला दर्ज किया है.
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है और अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और 20 अन्य का नाम लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में प्लॉट की खरीद में 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की है.
Yamuna Expressway Case: CBI has registered case against Yamuna Expressway Industrial Development Authority former CEO PC Gupta and 21 others on charges of criminal conspiracy, cheating,forgery and abuse of official position.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
अधिकारी ने कहा, राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि यमुना एक्सप्रेसवे के लिए मथुरा के 7 गांवों में तत्कालीन यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से 85 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी गई थी, जिससे राज्य सरकार को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
पिछले साल सितंबर में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व महाप्रबंधक (जीएम) रविंद्र तोगड़ पर करोड़ों रुपए की धांधली के आरोप में आयकर विभाग ने उनके घर पर छापा मारा था. आयकर विभाग के लगभग 50 अधिकारी इस बड़ी कार्रवाई में जुटे थे. ग्रेटर नोएडा के जारचा थाना अंतर्गत आनंदपुर गांव में स्थित उनकी कोठी पर कार्रवाई की गई थी. बताया जाता है कि रविंद्र तोगड़ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रॉपर्टी विभाग में तैनात थे और इंजीनियर यादव सिंह व पीसी गुप्ता के बेहद करीबी रहे हैं.