उत्तर प्रदेश सरकार ने बिना लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत वही मरीज होम आइसोलेशन में रह सकता है जिसके घर पर कम से कम दो टॉयलेट हों. इसके साथ ही मरीज के लिए और उसके परिजनों को क्वारनटीन करने की सुविधा उपल्ब्ध हो, उन्हें ही होम आइसोलेशन की अनुमति होगी.
यूपी सरकार की इस गाइडलाइन में कहा गया है कि एसिम्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीज जिन्हें कोई दूसरी बीमारी नहीं है वे होम आइसोलेशन में इलाज करा सकेंगे. हालांकि इसके लिए उन्हें पहले डॉक्टर की इजाजत लेनी जरूरी होगी. उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले कोरोना केस सामने आने के बाद ये गाइडलाइन जारी की गई है.
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गाइडलाइन के अनुसार HIV, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के चलते जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही 24 घंटे मरीज की देखभाल करने के लिए एक तीमारदार का होना आवश्यक है. होम आइसोलेशन के दौरान देखभाल करने वाले तीमारदार और संबंधित अस्पताल के बीच संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन के लिए जरूरी होगा.
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गाइडलाइन के मुताबिक मरीज की देखभाल करने वाले तीमारदार और उसके संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों को प्रोटोकॉल के लिहाज से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी. होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा.
आरोग्य सेतु ऐप पर दिन में दो बार सूचना अपडेट करना होगा. अगर मरीज के पास स्मार्टफोन नहीं है तो वह सामान्य फोन के जरिए कंट्रोल रूम को अपने स्वास्थ्य की जानकारी दे सकता है. इसके अलावा मरीज को स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार किए गए ऐप को भी डाउनलोड करना होगा.
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यूपी सरकार की इस गाइडलाइन के मुताबिक होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीज को अंडरटेकिंग देनी होगी और क्वारनटीन मापदंडों का पालन करना होगा. होम आसोलेशन में कोरोना संक्रमित मरीजों को किट खरीदनी होगी. इसमें पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लब्स जैसी चीजें होंगी.