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'इमेज बिल्डिंग' में जुटे योगी आदित्यनाथ, उठाए ये पांच कदम

योगी आदित्यनाथ करीब एक साल पहले जिस तरह से मुस्लिम समाज के खिलाफ जहर उगलते थे, अब वैसी भाषा इस्तेमाल नहीं कर रहे. योगी अपनी परंपरागत कट्टरवादी हिंदुत्व की छवि से बाहर निकलने और समाज के सभी वर्गों के बीच गहरी पैठ बनाने की कोशिश में है

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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योगी आदित्यनाथ ने कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर अपनी सियासत की शुरुआत की और आज यूपी की सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हैं. सीएम बनने के बाद से योगी एक के बाद एक कदम ऐसे उठा रहे हैं, जो उनकी परपंरागत छवि के विपरीत है.

बता दें कि योगी आदित्यनाथ करीब एक साल पहले जिस तरह से मुस्लिम समाज के खिलाफ जहर उगलते थे, अब वैसी भाषा इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. वो अपनी इमेज को मेकओवर करने की कवायद में जुट गए हैं. योगी अपनी परंपरागत कट्टरवादी हिंदुत्व की छवि से बाहर निकलने और समाज के सभी वर्गों के बीच गहरी पैठ बनाने की कोशिश में है. हाल के दिनों में उन्होंने 5 कदम ऐसे उठाए हैं, जिससे लगता है कि वो खुद की पहचान विकासवादी नेता के तौर पर चाहते हैं.

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फ्लैट दिलवा रहे हैं योगी

सूबे में बिल्डरों की तानाशाही रवैए से होम बायर्स परेशान थे. बिल्डर्स होम बायर्स को आवास का कब्जा देने को तैयार नहीं थे. पिछले एक दशक से होम बायर्स आवास के लिए धरना प्रदर्शन कर  रहे थे, पर उनकी परेशानियों को सरकारें नहीं समझी. योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही बिल्डर्स से होम बायर्स को आवास दिलाने का बीढ़ा उठाया.

योगी ने कहा लोग 31 दिसंबर तक 40 हजार बायर्स को घर उपलब्ध कराने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिल्डर-बायर्स के जो भी मुद्दे हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से सुलझाया जाएगा. आगामी तीन महीने में इतने ही फ़्लैट दिये जाएंगे. होम बायर्स मिडिल क्लास से आते हैं. योगी ने इस कदम से मिडिल क्लास के दिलों में भी जगह बनाने की कोशिश की है.

मदरसों और संस्कृत स्कूल की बात कर रहे हैं

योगी आदित्यनाथ एक दौर में मदरसों के विरोध में थे. सीएम बनने से पहले तक योगी मदरसों को लेकर तरह तरह आरोप लगाते रहते थे. लेकिन अब मदरसों को लेकर उनके तेवर बदल गए हैं. योगी कह रहे हैं कि मदरसों को बंद करना हल नहीं है, बल्कि मदरसों और संस्कृत विद्यालय का आधुनिकरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालयों को भी अन्य विषयों को अपनाना चाहिए तभी फायदा होगा. मदरसा और संस्कृत विद्यालय की बात एक साथ करना योगी की परपंरागत छवि के विपरीत है.

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ताज के आगे झाड़ू लगा रहे हैं

उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेता जिस समय ताजमहल को लेकर बयानबाजी कर रहे थे. बीजेपी नेता ताजमहल को शिवमंदिर बताने में लगे थे. इन सबके बीच योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता अभियान का आगाज के लिए ताजमहल के परिसर में जाकर झाड़ू लगाई. झाड़ू लगाने के बाद सीएम योगी शाहजहां पार्क के पुनर्जीविकरण व आगरा किला- ताज महल के मध्य पैदल पथ के विकास योजना का शिलान्यास किया. योगी का ताज परिसर में झाड़ू लगाना और ताज परिसर को सुंदर बनाने की लिए शुरू की गई योजनाओं सो उनके ही पार्टी के कई नेताओं को बहुत खला था. लेकिन योगी का ये कदम उनकी छवि के विपरीत था.

नोएडा का टोटका ख़त्म कर रहे हैं

यूपी की सियासी जमात के बीच अनकही मान्यता है कि मुख्यमंत्री रहते हुए जो भी शख्स नोएडा पहुंचेगा, उसकी सत्ता छिन जाएगी. अपशगुन का ये चक्रव्यूह इतना खतरनाक माना जाता है कि 19 सालों में सिर्फ मायावती ने ही बतौर सीएम नोएडा का दौरा किया था और वो सत्ता में वापस नहीं आ सकी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर इस मिथक को तोड़ दिया है. सीएम पद संभालने के बाद से योगी तीन बार नोएडा का दौरा करके टोटके को खत्म कर रहे हैं.

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पद्मावती पर बैन नहीं लगा रहे

पद्मावती फिल्म को लेकर बीजेपी शासित राज्य के सीएम जिस तरह से सख्त रवैया अख्तियार किए हुए हैं. वैसा रुख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नहीं है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिल्म पर लगी रोक हटाए जाने के बाद योगी ने पद्मावती फिल्म को लेकर कोई बयान नहीं दिया है और नहीं फिल्म को बैन सूबे में फिल्म को बैन लगाने की बात कही है. जबकि राजपूत समाज इस फिल्म को लेकर गुस्से में हैं. इन सबके बावजूज योगी का फिल्म पर बैन न लगाना कहीं न कहीं उनके छवि के विपरीत है.

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