उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में कानून-व्यवस्था को लेकर मीटिंग की. इस मीटिंग में उन्होंने कासगंज हिंसा को लेकर भी निर्देश दिए. सीएम ने हिदायत दी कि जिलाधिकारी क्राइम मीटिंग से दूर रहें और तहसील संभालें. वहीं एसपी को क्राइम कंट्रोल के लिए जिम्मेदार बताया गया.
मंगलवार देर शाम योगी आदित्यनाथ ने क्राइम और कानून व्यवस्था पर डीएम और एसपी से लेकर सभी अधिकारियों की क्लास लगाई. कासगंज पर सीएम योगी ने कहा कि कार्रवाई में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के कई डीएम, एसपी, जोनल आईजी, एडीजी और डीजीपी से मुखातिब थे. योगी ने सीधे-सीधे अधिकारीओं से पूछा कि कि नतीजे क्यों नहीं दिख रहे हैं, जब किसी तरह का राजनीतिक दबाव पुलिस और प्रशासन पर नहीं दिया जा रहा है.
कासगंज के मामले पर योगी आदित्यनाथ ने जिले के SP, डीएम, जोनल आईजी और एडीजी से सीधे सीधे कहा की कार्रवाई बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के हो जो भी पक्ष दोषी हो उस पर एक्शन में कोई हिचक नहीं होना चाहिए.
योगी आदित्यनाथ ने जिलों के सभी डीएम को क्राइम मीटिंग में ज्यादा रुचि न लेने की सलाह दी और कहा कि डीएम अपने इलाके के तहसीलों पर ज्यादा ध्यान दें और अगर तहसीलों में जमीन के विवाद सुलझाने में वह सफल होंगे तो क्राइम खुद-ब खुद कम होगा.
इस पूरी क्राइम मीटिंग में योगी ने 3 टिप्स दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में जीरो टॉलरेंस रखा जाए, साथ ही सभी थाने SP और महिला हेल्पलाइन एंटी रोमियो स्क्वॉड को ज्यादा मजबूत करें.
सीएम ने ये भी कहा कि दलितों और गरीबों के प्रति हो रहे अपराध पर पुलिस अधिकारी ज्यादा संजीदा हो और उसे प्राथमिकता के आधार पर सुलझाएं. साथ ही व्यापारियों के साथ हो रहे अपराध में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.