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योगी का राजतिलक... मिशन 2024 और केशव मौर्य-एके शर्मा की भूमिका पर टिकी निगाहें

उत्तर प्रदेश के सियासी इतिहास में पहली बार योगी आदित्यनाथ ऐसे नेता होंगे, जो पांच साल के सत्ता की कमान संभालने के बाद दोबारा से मुख्यमंत्री बनेंगे. ऐसे में सभी की निगाहें योगी सरकार के मंत्रिमंडल पर होगा, जिसमें केशव प्रसाद मौर्य से लेकर एके शर्मा को शामिल किए जाने पर है. इतना ही नहीं योगी की टीम से किस तरह जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बीजेपी साधेगी?

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अमित शाह और योगी आदित्यनाथ
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • योगी सरकार 2.O में कौैन बनेगा डिप्टी सीएम
  • योगी कैबिनेट में केशव मौर्य को मिलेगी जगह
  • मोदी के करीबी एके शर्मा को क्या मिलेगी एंट्री

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतकर बीजेपी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है. योगी शुक्रवार को शाम चार बजे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके साथ ही वे प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन जाएंगे जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा प्रदेश की सत्ता संभालेंगे. ऐसे में सभी की निगाहें योगी सरकार 2.O के  मंत्रिमंडल पर है, जिसमें केशव प्रसाद मौर्य से लेकर पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले एके शर्मा को कैबिनेट में जगह मिल पाएगी. इसके अलावा क्या पुराने चेहरे को फिर से मंत्रिमंडल में मौका मिलेगा और इस बार डिप्टी सीएम होंगे? 

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केशव मौर्य को क्या सरकार में मिलेगी जगह 
उत्तर प्रदेश की सियासत में सबसे ज्यादा लोगों की नजर बीजेपी के दिग्गज नेता और ओबीसी चेहरा माने जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य पर है. इसकी वजह यह है कि केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल से हार गए थे. केशव मौर्य की किस्मत अब हार के बाद अधर में लटकी हुई है. ऐसे में सभी के मन में सवाल है कि केशव को योगी सरकार 2.O की कैबिनेट में जगह मिल पाएगी कि नहीं. 2017 में बीजेपी के जीत में उनकी अहम भूमिका रही है, जिसके चलते उन्हें डिप्टीसीएम बनाया गया था और योगी सरकार में नंबर दो की पोजिशन थी. ऐसे में हार के बाद पार्टी के एक प्रमुख ओबीसी चेहरे के रूप में केशव मौर्य की स्थिति कैबिनेट के लिए उनकी दावेदारी का एकमात्र कारण हो सकता है. देखना है कि उन्हें योगी अपनी मंत्रिमंडल में जगह देते हैं कि नहीं? 

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मोदी के करीबी एके शर्मा क्या बनेगे मंत्री
पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा पर निगाहें है कि योगी सरकार में उनकी क्या भूमिका होगी. योगी सरकार के पहले कार्यकाल की एके शर्मा को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई थी. हालांकि, एके शर्मा के सियासत में कदम रखने के साथ ही यूपी के डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चाए थी, लेकिन योगी मंत्रिमंडल में एंट्री नहीं मिल पाई थी. ऐसे में बीजेपी ने एके शर्मा को एमएलसी बनाकर यूपी बीजेपी का उपाध्यक्ष बना दिया था. वहीं, अब बीजेपी दोबारा से सरकार बनाने जा रही है तो सवाल उठता है कि एके शर्मा की भूमिका किस तरह की होगी. योगी मंत्रिमंडल में क्या एके शर्मा को शामिल किया जाएगा और किया जाएगा तो क्या जिम्मेदारी दी जाएगी.

योगी सरकार 2.O में क्या डिप्टीसीएम होंगे
पांच साल पहले बीजेपी 15 साल के बाद उत्तर प्रदेश की सत्ता में लौटी थी तो मुख्यमंत्री का ताज योगी आदित्यनाथ के सिर सजा था. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने सूबे में सत्ता का संतुलन बनाने और जातीय समीकरण को साधकर रखने के लिए ओबीसी समाज से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य और ब्राह्मण समुदाय के दिनेश शर्मा को डिप्टीसीएम बनाया गया था. वहीं, योगी अब दोबारा से सीएम बनने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक डिप्टी सीएम को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई. यूपी की नई सरकार में केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा अगले डिप्टी सीएम होंगे या नहीं या फिर कोई और होगा. इस पर बीजेपी ने कोई स्पष्ट संदेश नहीं दिया. 

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योगी सरकार में पुराने चेहरों की वापसी होगी? 
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई थी. वो तमाम मंत्री दोबारा से जीतकर आए हैं, जिसके चलते क्या पुराने चेहरों को जगह मिलेगी या फिर नए चेहरों को शामिल किया जाएगा. सुरेश खन्ना, सतीश महाना, सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, लक्ष्मीनारायण चौधरी, आशुतोष टंडन, भूपेंद्र चौधरी, सूर्यप्रताप शाही जैसे बड़े नाम है, जिन्हें सीएम योगी अपनी नई कैबिनेट में शामिल करेंगे या फिर नए और जीतकर आए युवा चेहरों को कैबिनेट में जगह देकर सियासी संदेश देने की कोशिश की जाएगी. 

टीम योगी से 2024 साधने का प्लान 
योगी सरकार के 2.O कैबिनेट से सिर्फ 2022 से 2027 तक ही नुमाइंदगी नहीं करेगी, बल्कि 2024 के साथ 2027 और 2029 के चुनावों की भी मजबूत आधारशिला रखेंगे. ऐसे में योगी सरकार के मंत्रिमंडल पर नजरें होगी कि बीजेपी किस तरह से जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद करेगी. मंत्रिमंडल में पश्चिम यूपी से पूर्वांचल तक अगड़े, पिछड़े, दलित और अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व किस तरह से रहता है. इस बार बीजेपी की सत्ता में वापसी में पार्टी के कोर वोटबैंक के साथ-साथ दलित, ओबीसी के साथ-साथ महिला वोटर भी भूमिका भी काफी अहम रही है. 

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उत्तराखंड की गवर्नर रही बीजेपी की दलित चेहरा बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण सीट से जीतकर विधायक बनी है. ऐसे में योगी मंत्रिमंडल में बेबी रानी मौर्य की भूमिका किस तरह की होगी, क्योंकि जाटव समुदाय से आती हैं और उन्हें बसपा प्रमुख मायावती के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा कुर्मी समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में जीतकर आए हैं तो उनकी सरकार में किस तरह का प्रतिनिधित्व रहता है. 
 

 

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