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यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को SC का दर्जा दे सकती है योगी सरकार, कवायद तेज

यूपी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अति पिछड़ी 17 जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दे सकती है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी कैबिनेट में मंत्री संजय निषाद ने लोकभवन पहुंचकर असीम अरुण से मुलाकात की है. ऐसा कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने संजय निषाद को ये निर्देश दिए हैं कि सूची की गलतियां जल्द दूर कर लें.

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योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 17 अति पिछड़ी जातियों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान कर सकती है. यूपी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल कर सकती है. योगी सरकार इन जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने की तैयारी में है.

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बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद इसे लेकर एक्टिव मोड में हैं. संजय निषाद ने इस मसले को लेकर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से लोकवभवन पहुंचकर मुलाकात की है.

कहा जा रहा है कि असीम अरुण से मिलकर संजय निषाद ने मझवार आरक्षण को लेकर चर्चा की. बताया जा रहा है कि इसमें मामला परिभाषित करने का है. मछुवा समुदाय की कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, रायकवार, धीवर, बिंद, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुवा की पर्यायवाची उपजातियों को परिभाषित किया जाना है.

सूत्रों की मानें तो मझवार जाति समूह की उपजातियों को पिछड़ी जातियों की सूची में डाला गया है. इसे अब अनुसूचित जाति में शामिल करने की तैयारी है. सूत्र बताते हैं कि मझवार आरक्षण को लेकर सरकार जल्द ही कोई कार्रवाई कर सकती है. बताया जाता है कि समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को भी इस संबंध में निर्देश मिल चुका है कि मझवार आरक्षण संबंधी सभी त्रुटियों को सही कराकर प्रस्ताव तैयार करें.

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माना जा रहा है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार इन जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल कर सकती है. यही वजह है कि न्यायोचित तरीके और संवैधानिक तरीके से आरक्षण के मुद्दे का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर भी कवायद चल रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी निषाद पार्टी के मुखिया से सूची की गलतियां जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है.

माना जा रहा है कि योगी सरकार इससे संबंधित प्रस्ताव विधासभा के अगले मॉनसून सत्र में पेश कर पारित करा सकती है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पिछले दिनों जारी अधिसूचना रद्द कर दी थी.

 

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