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यूपी में पीएम मोदी के सपने पूरे करने का जिम्मा इन 2 ओबीसी नेताओं पर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 में सबसे ज्यादा कैबिनेट मंत्री ओबीसी समुदाय से बनाए गए हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह के कंधों पर अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी के दोनों ही ओबीसी नेताओं के जिम्मे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की भार है. ऐसे में केशव और स्वतंत्र देव को सीएम योगी के साथ-साथ पीएम मोदी की कसौटी पर भी खरा उतरना होगा.

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स्वतंत्र देव सिंह और केशव प्रसाद मौर्य
स्वतंत्र देव सिंह और केशव प्रसाद मौर्य
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केशव प्रसाद मौर्य को ग्रामीण विकास का जिम्मा मिला
  • स्वतंत्र देव के कंधों पर जल शक्ति मंत्रालय का भार
  • पीएम मोदी-सीएम योगी की कसौटी पर उतरना होगा खरा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बीजेपी के बड़े ओबीसी चेहरा माने जाते हैं. योगी सरकार 2.0 में केशव मौर्य से पीडब्ल्यूडी वापस लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित 6 विभाग दिए गए हैं तो स्वतंत्र देव को सिंचाई और जलशक्ति मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है. ऐसे में इन्हें अब अपने काम से सिर्फ अपनी उपयोगिता ही साबित नहीं करनी बल्कि पीएम मोदी की कसौटी पर खरा उतराना होगा, क्योंकि दोनों ओबीसी मंत्रियों को मिले विभाग मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. 

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केशव के कंधों पर ग्रामीण विकास का जिम्मा

सूबे की सियासत में चर्चा है कि सिराथू सीट से चुनाव हारने के बाद केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री भले ही बना दिया गया है, लेकिन उनसे लोक निर्माण जैसा महत्वपूर्ण विभाग ले लिया गया. ऐसे में ग्रामीण विकास से जुड़े विभाग देकर उनके कंधों पर भारी जिम्मेदारी डाल दी गई है.  यह विभाग ग्रामीण आबादी की जीवन व जीविका से सीधे तौर पर जुड़ा है. पीएम सड़क योजना जैसी बड़ी योजना उनके दायरे में आएगी. ऐसे वह अपनी सक्रियता से इस विभाग में अलग छाप छोड़ सकते हैं. 

बीजेपी का मुख्य फोकस अब गांव पर है

बता दें कि कभी शहरों की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी ने गांवों में अपनी पकड़ मजबूत की है. इसीलिए योगी सरकार 2.0 में कानपुर और लखनऊ जैसे शहरी क्षेत्र की तुलना ग्रामीण इलाके से जीते नेताओं को मंत्रिमंडल में तव्वजो दी गई है. सूबे में 70 फीसदी से अधिक आबादी गांवों में निवास करती है. इसलिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता में गांव हैं और ग्राम्य विकास विभाग के पास अधिकांशत: केंद्रीय योजनाओं को जमीन पर उतारने का जिम्मा है. 

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पीएम मोदी के कसौटी पर खरा उतरना होगा

योगी सरकार 2.0 में केशव मौर्य को ग्राम विकास एवं समग्र ग्रामीण विकास जैसा अहम विभाग सौंपा है. इस विभाग के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा जैसी अहम केंद्रीय योजनाएं आती हैं, जिन्हें अब अमलीजामा पहनाने का काम केशव मौर्य को करना. केशव मौर्य को अब गांवों के विकास में सक्रिय भूमिका निभाकर अपनी प्रशासनिक क्षमता को भी साबित करना होगा. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना का बेहतर क्रियान्वन और कोरोना के दौर में मनरेगा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बना था, जिसे और भी मजबूती देना है. 

स्वतंत्र देव सिंह के जिम्मे जल संसाधन मंत्रालय

उत्तर प्रदेश में संगठन के मुखिया होने के नाते अपना कौशल दिखाने वाले स्वतंत्रदेव सिंह की कैबिनेट में एक फिर से वापसी हुई है. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले पिछली सरकार में स्वतंत्र देव सिंह परिवहन मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं. इस बार उन्हें प्रोन्नत किया गया और उन्हें जल शक्ति, सिंचाई, नमामि गंगे, बाढ़ नियंत्रण जैसे अहम विभाग सौंपे गए हैं. पिछली कैबिनेट में महेंद्र सिंह जलशक्ति व बाढ़ नियंत्रण मंत्री थे. महेंद्र सिंह की गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वस्त और चुनिंदा मंत्रियों में होती है तो स्वतंत्रदेव सिंह भी मुख्यमंत्री के गुडबुक में माने जाते हैं. 

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बीजेपी के वादे और मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 

बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के लिए कई अहम वादे किए हैं. जिसमें सूबे की सिंचाई व्यवस्था बेहतर करने से मुफ्त बिजली तक के वादे हैं. इसके साथ ही नमामि गंगे योजना और मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जैसी योजनाओं की सफलता की जिम्मेदारी स्वतंत्र देव सिंह के कंधों पर होगी. स्वतंत्र देव खुद बुंदेलखंड से आते हैं और यहां पर पानी की किल्लत जगजाहिर है. बीजेपी सरकार ने बुंदेलखंड में घर-घर पेयजल सुविधा को पहुंचाने के मिशन को लेकर बीजेपी चल रही . 

उत्तर प्रदेश में सीवेज ट्रीटमेंट पर भी काफी काम हो रहा है तो हर घर नल, हर घर जल मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. कानपुर के बाद प्रयागराज, वाराणसी, आगरा और लखनऊ में भी नदियों में नाले का पानी जाने से रोकने की दिशा में व्यवस्था करने के साथ उस पानी को सिंचाई में उपयोग के लायक बनाने पर जोर है. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में हर घर नल से जल पहुंचाकर और किसानों के खेतों पर नहरों से सिंचाई का पानी पहुंचाकर उन्हें साबित करना होगा कि वह सरकार में कितने काम के हैं.

मोदी की रैली में भीड़ जुटाने का जिम्मा संभाला

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केशव प्रसाद मौर्य की तरह ही स्वतंत्र देव सिंह ने बीजेपी कार्यकर्ता से अपनी सियासी पारी को शुरू कर प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर तय किया है. स्वतंत्र देव सिंह ने बिना किसी गॉडफादर के राजनीति में एक ऊंचा मकाम हासिल किया. स्वतंत्र देव सिंह पहले से पीएम मोदी के विश्वस्त और चुनिंदा नेताओं में शामिल रहे हैं. 2013 में बीजेपी ने मिशन 2014 की शुरुआत की तो उसी को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 

2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में मोदी की होने वाली रैलियों का जिम्मा सौंपा गया था. स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी की रैली होने के एक सप्ताह पहले की उस स्थान पर डेरा डाल देते थे, जिससे वह छोटे कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हुए रैली को किसी भी तरह सफल करा सके. इस तरह से उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाया और हर रैली में लाखों की भीड़ जमा होने लगी. 

परिवाहन मंत्री के रूप में बेहतर काम किया

बीजेपी 15 साल के बाद 2017 में यूपी की सत्ता में वापसी की तो मुख्यमंत्री के लिए स्वतंत्र देव सिंह के नाम की भी चर्चा चली थी, लेकिन मुहर योगी आदित्यनाथ के नाम पर लगी और वो परिवहन विभाग के मंत्री बने. लगभग ढाई साल के मंत्री पद के कार्यकाल में स्वतंत्र देव सिंह ने परिवहन विभाग की हालत में सुधार किया और सूबे में परिवहन विभाग जो घाटी में चल रहा था उसका रिवेन्यू जनरेट कराकर उसे फायदा पहुंचाया था. इसके साथ ही प्रदेश में जीर्णशीर्ण पड़े बस स्टैंड को ए वन क्लास के बनवाकर सुधार कराया था. 

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2019 के लोकसभा चुनाव के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली. स्वतंत्र देव ने मंत्री रहे और प्रदेश अध्यक्ष पद रहे, लेकिन न कभी सरकार और संगठन के बीच किसी तरह की टकराव वाली स्थिति नहीं आने दी. उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों के बीच संतुलन बनाकर रखा. 2022 का विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया और बीजेपी ने एक बार फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही. 

स्वतंत्र देव का कद एक बार फिर बीजेपी में बढ़ गया और एक बड़े ओबीसी चेहरे के रूप में उनका नाम सामने आया है. ऐसे में उन्हें योगी सरकार 2.0 में कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा दिया है. इस तरह से अब पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल, हर घर जल जैसे महात्वकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मा होगा. इस तरह उन्हें अब योगी के साथ-साथ पीएम मोदी की कसौटी पर भी खरा उतरना होगा? 


 

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