उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक गांव में मुस्लिम समुदाय ने फैसला लिया है कि वे अवैध बूचड़खानों से लाया गया मीट ना तो खाएंगे और ना ही बिकने देंगे.
बागपत जिले के रटौल गांव में ग्राम प्रधान डॉ जाकिर अली की अगुआई में मुस्लिम समुदाय की बैठक हुई. बैठक में कहा गया कि उनके मजहब में किसी भी अवैध चीज के इस्तेमाल पर रोक है, ऐसे में अवैध बूचड़खानों में वध किए गए जानवरों का मीट कैसे खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. बैठक में ये भी तय किया गया कि इस बारे में दूसरे गांवों में भी जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा.
रटौल गांव के प्रधान डॉ जाकिर अली ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ओर से अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को पूरी तरह जायज ठहराया.
बागपत में बूचड़खाना नहीं चलने की वजह से बाहर से मीट की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन अब मुस्लिमों ने तय किया है कि वो बाहर से लाए गए मीट को नहीं खाएंगे, क्योंकि ये गारंटी होना मुश्किल है कि मीट वैध है या अवैध .
ग्राम प्रधान के साथ बैठक को स्थानीय मदरसे के संचालक मोहम्मद यूनुस ने भी संबोधित किया. मोहम्मद यूनुस के मुताबिक शरीयत कहती है कि जिस जगह भी रहो वहां के सभी कानूनों के पाबंद हो कर रहो. इसलिए ना तो अवैध कुछ करो और ना ही किसी दूसरे को करने दो. अगर कोई कुछ अवैध करता दिखता है तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाए.
रटौल के मुस्लिम समुदाय ने उत्तर प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे अभियान को भी सही कदम बताया. साथ ही हाईवे पर शराब की बिक्री पर बैन का भी स्वागत किया.