यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के फैसले को लेकर हो रहे विरोध के बीच योगी सरकार ने अल्पसंख्यक युवाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेले का आयोजन करेगी. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने इसको लेकर सेवायोजन व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की है. इसके बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू हो गया है.
ये रोजगार मेले खासकर उन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मुस्लिम आबादी ज्यादा है. अल्पसंख्यक युवाओं को उनकी रुचि के क्षेत्र में ही रोजगार के मौके मिलेंगे. साथ ही सीधे नौकरी देने वाले ही उनके पास पहुंचेंगे. कंपनियों को इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा.
प्रदेश सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है कि इन युवाओं को मौके पर ही टेस्ट, वेरिफिकेशन करके अप्वाइंटमेंट लेटर दिया जाए. साथ ही आगे के लिए प्राइवेट कम्पनियों से भी इनका सीधा सम्पर्क हो.
हर मंडल में लगाया जाएगा रोजगार मेला
जानकारी के मुताबिक सभी 18 मंडलों के अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में ये विशेष रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे. अल्पसंख्यक विभाग और सेवायोजन विभाग इस पर भी मंथन कर रहा है कि वो क्षेत्र कौन से होंगे.
दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने सेवायोजन विभाग और श्रम विभाग को चिट्ठी लिख कर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अलग से रोजगार मेले के आयोजन के लिए लिखा था. इसके बाद इस पर चर्चा के लिए बैठक हुई.
दो कैटेगरी में युवाओं को बांटा जाएगा
सेवायोजन विभाग के निदेशक हरिकेश चौरसिया और संयुक्त निदेशक पीके पुंडीर के साथ इस ओर विस्तृत चर्चा कर इसका खाका तैयार किया. इसके तहत इसमें दो कैटेगरी होगी. पहली कैटेगरी ग्रैजुएट और डिप्लोमा होल्डर युवाओं के लिए होगी. उसमें उन अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के युवाओं को मौका मिलेगा.
ग्रैजुएट युवाओं को रीटेल आईटी समेत कई क्षेत्रों में ऑफिस जॉब के लिए रोजगार दिया जाएगा. इस प्रस्ताव के अनुसार कम्पनियां युवाओं को सीधे हायर करेंगी.
दूसरी कैटेगरी उन युवाओं के लिए है, जिनके पाए कोई हुनर है या काम आता है लेकिन उनके पास सीधे कोई नियोक्ता नहीं पहुंचता तो वह कोई छोटा काम करते हैं. कई बार उनको रोजगार की समस्या होती है.
केंद्र-राज्य ने अलग से की है बजट की व्यवस्था
अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अलग से रोजगार मेले के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों के अल्पसंख्यक मंत्रालयों से बजट की व्यवस्था है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि ‘टेलरिंग, ऑटो मेकैनिक जैसे काम मुस्लिम युवक बड़ी संख्या में करते हैं. ऐसे में उन क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल या गारमेंट इंडस्ट्री की कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिससे इसका ज्यादा लाभ मिल सके.’
गारमेंट, ऑटोमोबाइल की कंपनियां बुलाई जाएंगी
विभाग में ये योजना तैयार की है कि मऊ जैसे क्षेत्र में युवा बुनकर बड़ी संख्या में हैं. वहां फैशन इंडस्ट्री या गारमेंट इंडस्ट्री की कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा. उसी तरह भदोही में भी कालीन बनाने में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा हैं, वहां भी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा. ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मारुति जैसी बड़ी प्राइवेट कम्पनियों को भी इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा.