scorecardresearch
 

वापस लिए गए 2.5 लाख मामलों में विदेशी जमातियों के मामले नहीं: योगी सरकार

आजतक को मिली सूचना के अनुसार भारतीय तबलीगी जमातियों पर यूपी में दर्ज मामलों को सरकार वापस ले सकती है, लेकिन वे इन ढाई लाख मामलों से अलग हैं, इसके अलावा विदेशी जमातियों के ऊपर यूपी में दर्ज मामले सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हैं, वे कोर्ट द्वारा ही वापस लिए जाएंगे और वे धीरे-धीरे खात्मे की राह पर हैं.

Advertisement
X
योगी सरकार ने महामारी से जुड़े ढाई लाख मामले वापस लिए हैं (फाइल फोटो)
योगी सरकार ने महामारी से जुड़े ढाई लाख मामले वापस लिए हैं (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में महामारी से जुड़े ढाई लाख मामले वापस लिए गए
  • विदेशी जमातियों के मामले सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हैं
  • अदालतों में भी खात्मे पर हैं ये मामले

योगी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के वक्त दर्ज किए गए ढाई लाख केस वापस लेने का फैसला लिया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में आम जनमानस पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं. हालांकि तबलीगी जमातियों के विरुद्ध यूपी के अलग-अलग जिलों में दर्ज मामले दूसरे तरीके से वापस लिए जाएंगे, वे इन ढाई लाख मामलों में शामिल नहीं हैं,

आजतक को मिली सूचना के अनुसार भारतीय तबलीगी जमातियों पर यूपी में दर्ज मामलों को सरकार वापस ले सकती है, लेकिन वे इन ढाई लाख मामलों से अलग हैं. इसके अलावा विदेशी जमातियों के ऊपर यूपी में दर्ज मामले सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हैं. वे कोर्ट द्वारा ही वापस लिए जाएंगे और वे धीरे-धीरे खात्मे की राह पर हैं.

Advertisement

बता दें कि पिछले 11 महीनों में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में महामारी, ट्रैफिक उल्लंघन और कई धाराओं के तहत हजारों लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे, खासकर मास्क नहीं पहनने की वजह से, एनसीआर और बड़े शहरों में यह मामले दर्ज हुए थे, लेकिन अब लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है, क्योंकि महामारी काल के दौरान दर्ज सभी ढाई लाख मामले वापस किए जा रहे हैं.

हालांकि ढाई लाख केस जो कि योगी सरकार वापस ले रही है, उसमें जमातियों पर दर्ज केस नहीं हैं, ये वाले केस अदालतों के द्वारा खत्म किए जा रहे हैं. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 1725 लोगों के खिलाफ यूपी पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए हैं, जिनमें से 1550 भारतीय और 175 विदेशी जमाती शामिल हैं. 175 विदेशी जमातियों के ऊपर दर्ज मामले अदालत की निगरानी में हैं और धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं, जबकि भारत के जमातियों पर लगे महामारी एक्ट की धाराएं सरकार वापस ले सकती है.

Advertisement

लखनऊ जोन की बात करें तो लगभग 120 जमाती चिन्हित किए गए थे, इनमें से 68 जमातियों के खिलाफ 26 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन अब जमातियों पर दर्ज मामले को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हालांकि ये मामले ढाई लाख केस के अंदर नहीं आते.

तबलीगी जमातियों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने पर,अब अलग-अलग मुस्लिम धर्म गुरुओं की प्रतिक्रिया भी आ रही हैं. बरेली के दरगाह हजरत के पूर्व प्रवक्ता एवं तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने योगी सरकार के फैसले का स्वागत किया है, मुस्लिम धर्म गुरु का कहना है कि सरकार का यह निर्णय सही और सराहनीय है. जोकि स्वागत योग्य है.

वहीं देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद क़ासमी ने कहा है कि बीजेपी सरकार जमातियों के ऊपर दर्ज हुए केसों को जो वापस ले रही है यह बड़ा ही अच्छा कदम है, हमने पहले ही कहा था कि जमातियों ने कोरोना वायरस नहीं फैलाया है, कुछ फिरका परस्त लोगों ने यह साजिश रची थी, लेकिन अब जो बीजेपी सरकार ने यह कदम उठाया है, वह बहुत ही अच्छा कदम है. सरकार को यह काम पहले ही करना चाहिए था और सोच समझकर किसी पर केस करना चाहिए था लेकिन चलिए देर आए दुरुस्त आए, जो केस वापस लिए. बता दें कि जमातियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement