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अमित शाह से मिलते ही मान गए राजभर, BJP राज्यसभा उम्मीदवार को देंगे समर्थन

दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक के बाद योगी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मान गए. अब राजभर बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवारों को अपना समर्थन देंगे. हालांकि अब राजभर और योगी के बीच जिन मुद्दों को लेकर मतभेद हैं उसपर लखनऊ में सुलह होगी.

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यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर
यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर

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दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक के बाद योगी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मान गए. अब राजभर बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवारों को अपना समर्थन देंगे. हालांकि अब राजभर और योगी के बीच जिन मुद्दों को लेकर मतभेद हैं उसपर लखनऊ में सुलह होगी.

दरअसल राजभर मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे. ओम प्रकाश राजभर और अमित शाह के बीच दिल्ली स्थित बीजेपी दफ्तर में बैठक हुई.

अब अमित शाह इस विवाद को सुलझाने के लिए अगले महीने 10 तारीख यानी 10 अप्रैल को लखनऊ जाएंगे, जहां वो राजभर, सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी के बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे के साथ मिलकर मसले का हल निकालेंगे. मालूम हो कि अति पिछड़ी 'राजभर' जाति में अच्छा रसूख रखने वाले ओम प्रकाश राजभर अपने गिले-शिकवे दूर करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे थे.

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इससे पहले राजभर ने कहा था कि वो अपनी मांग को अमित शाह के सामने रखेंगे. अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है, तो वो अपना रास्ता अलग कर लेंगे. राजभर अपनी उपेक्षा की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार से बेहद नाराज हैं. राजभर बीजेपी के मंत्रियों द्वारा सार्वजानिक रूप से की जा रही टिप्पणियों से भी खफा हैं. साथ ही वो बीजेपी की ओर से अन्य राजभर जाति के नेताओं को दी जा रही तवज्जो से भी खुश नहीं हैं.

उनकी नाराजगी यही तक नहीं है, वो मंत्रिमंडल में मिले अपने पोर्टफोलियो से भी नाराज हैं. राजभर इतने खफा हैं कि योगी के मनाए जाने के बाद भी उनकी नाराजगी खत्म नहीं हुई. राजभर ने योगी सरकार के सालगिरह के दिन अपनी नाराजगी जगजाहिर कर बीजेपी के सामने बड़ी दुविधा खड़ी कर दी थी. उनके बगावती रुख को देखते हुए योगी सरकार की पहली सालगिरह का जश्न भी फीका पड़ गया था.

राजभर ने कहा था कि मौजूदा यूपी सरकार सिर्फ मंदिरों पर ध्यान दे रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा था कि जिन गरीबों ने वोट दिया, उनको सरकार तवज्जो नहीं दे रही है. ओम प्रकाश राजभर ने अपने बगावती तेवर और तीखे करते हुए कहा था कि यह सरकार पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब इनकी उपेक्षा हुई सरकारों का नाश हुआ है.

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ऐन मौके पर दिखाई नाराजगी

राजभर ने अपनी नाराजगी की अहमियत दिखाने के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले का वक्त चुना है. यही वजह है कि उन्होंने जब राज्यसभा चुनाव के बहिष्कार और बीजेपी को वोट न देने की धमकी दी, तो बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व हरकत में आया. बीजेपी के लिए यह चुनाव बेहद खास है, क्योंकि यूपी में हाल में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में उसे करारी शिकस्त मिली थी और अब राज्यसभा चुनाव में हार नहीं देखना चाहती. राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए राजभर की पार्टी का समर्थन काफी अहम है, क्योंकि उसके पास चार विधायक हैं और इतने विधायकों की गैर-मौजूदगी बीजेपी के लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है.

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